जोर पकड़ चुकी हैं कुंभ की तैयारियां
कुंभ की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। स्थाई कार्यो के साथ अब अस्थाई कार्य भी शुरू हो चुके हैं, लेकिन गंगा का जलस्तर अभी भी स्थिर नहीं है, जिसकी वजह से तमाम कार्य रुके हुए हैं। पांटून पुलों का निर्माण भी उन्हीं में से एक है। पुलों का निर्माण नवंबर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इलाहाबाद। कुंभ की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। स्थाई कार्यो के साथ अब अस्थाई कार्य भी शुरू हो चुके हैं, लेकिन गंगा का जलस्तर अभी भी स्थिर नहीं है, जिसकी वजह से तमाम कार्य रुके हुए हैं। पांटून पुलों का निर्माण भी उन्हीं में से एक है। पुलों का निर्माण नवंबर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
माघ मेले की तुलना में इस बार तीन गुना अधिक 15 पांटून पुल बनाए जाने हैं। पुलों को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शाल स्लीपर, पीपे, गार्डर आदि एकत्र किए जा चुके हैं। अब भी गंगा की धारा के स्थिर होने का इंतजार है। अभी तक ऐसी उम्मीद थी कि 15 अक्टूबर तक पुलों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जानकारों का मानना है कि गंगा का जल अभी दूर तक फैला हुआ है। ऐसे में यदि पांटून पुलों का निर्माण शुरू कर दिया गया तो जल घटने के बाद काफी भूमि का अपव्यय हो जाएगा। साथ ही पीपों और गार्डर आदि भी बेवजह अधिक इस्तेमाल होगा। ऐसे में लोकनिर्माण विभाग पानी घटने का इंतजार कर रहा है।
परेड ग्राउंड में हो रहा सीमांकन-
सीमांकन के साथ ही अस्थाई कार्यो की शुरुआत हो चुकी है। 20 सितंबर से खतकटी का कार्य प्रारंभ है। इसके साथ ही परेड ग्राउंड के दोनों ओर खंभे भी लगाए जा रहे हैं। दो-एक दिनों में मेला क्षेत्र में समतलीकरण शुरू कर दिया जाएगा।
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