कामाक्षा देवी मंदिर में भैंसे की बलि पर ठनी
करसोग के प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाक्षा देवी मंदिर में सोमवार को भैंसा बलि के पक्ष में उतरे कुछ लोगों ने इस प्रथा पर लगाई पाबंदी को लेकर मंदिर कमेटी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर दिया। इसकी भनक लगते ही स्थानीय प्रशासन ने किसी तरह स्थिति को संभालते हुए लोगों को समझाकर घरों को भेज दिया।
करसोग [हिप्र], [यशपाल गुप्ता]। करसोग के प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाक्षा देवी मंदिर में सोमवार को भैंसा बलि के पक्ष में उतरे कुछ लोगों ने इस प्रथा पर लगाई पाबंदी को लेकर मंदिर कमेटी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर दिया। इसकी भनक लगते ही स्थानीय प्रशासन ने किसी तरह स्थिति को संभालते हुए लोगों को समझाकर घरों को भेज दिया।
संबधित पंचायत के प्रधान व मंदिर के पुजारी ने संयुक्त तौर पर लिखित बयान में प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि सोमवार को मंदिर में भैंसा बलि का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने चेताया था कि अगर मंदिर में भैंसा बलि हुई तो दोनों ही अपनी गर्दन को तलवार से उड़ा देंगे। मामले की संजीदगी को भांपते हुए स्थानीय प्रशासन ने मंदिर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दी। नतीजतन दिन भर मंदिर परिसर पुलिस छावनी बना रहा। मंदिर परिसर में दूर-दूर से पहुंचा आस्था का सैलाब भैंसा बलि के पक्ष में दिख रहा था। कुछ लोग ऐसे भी थे जो महज पुरानी परंपराओं को कायम रखने की वकालत करते नजर आए। इस दौरान कुछ देव गूर आवेश में आ गए तथा भैंसा बलि प्रथा के पक्ष में दिखे। प्रशासन के सख्त रवैये के चलते भैंसा बलि का आयोजन नहीं हो पाया। भीड़ के गुस्से को भांपते हुए नौबत यहां तक पहुंच गई कि मंदिर कमेटी अपना इस्तीफा देने पर आमादा हो गई लेकिन प्रशासन ने साफ तौर पर कह दिया कि यह समस्या का हल नहीं है तथा आपसी विचार-विमर्श से ही इस मामले का हल निकाला जा सकता है।
बकौल मंदिर कमेटी सोमवार को जो भीड़ मंदिर परिसर में एकत्र हुई थी उसे मंदिर कमेटी ने नहीं बुलाया था तथा लोग अपनी मर्जी से वहां उपस्थित हुए थे। हालांकि इस मामले पर कुछ लोगों का यही पक्ष रहा कि पुरानी परंपराओं पर विराम लगाना ठीक नहीं है। इसके नतीजे क्षेत्र के लोगों के लिए भयावह भी हो सकते हैं। इन दावों में कितना दम है, इस बात की पुष्टि कोई भी कर पाने में सक्षम नहीं है, लेकिन मंदिर परिसर में जुटे कुछ श्रद्धालु भैंसा बलि के ही पक्ष में दिखे। मंदिर परिसर में प्रशासन व पुलिस के रहते भैंसा बलि नहीं हो पाई, जिस पर कुछ बिफर गए। ऐसे में स्थानीय एसडीएम केके शर्मा ने लोगों को शांत करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाना प्रशासन का ध्येय नहीं है। आपसी सौहार्द व भाई चारे को ध्यान में रखते हुए सभी वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए तथा मंदिर की आस्था व गरिमा को कायम रखते हुए ही कार्य करना चाहिए। बहरहाल, मंदिर परिसर में बलि न होने से प्रशासन ने राहत की सांस ली। मंदिर कमेटी ने प्रशासन का हरसंभव किया।
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