श्रीमद्भागवत में धर्म और ज्ञान का समावेश
दुर्वासा ऋषि आश्रम की तपोस्थली गांव कामर में भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। इससे पूर्व मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
कोसीकलां। दुर्वासा ऋषि आश्रम की तपोस्थली गांव कामर में भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। इससे पूर्व मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
शुक्रवार की प्रात: गांव कामर स्थित दुर्वासा ऋषि आश्रम से सैकड़ों महिलाएं कलश लेकर बैण्डबाजों के साथ निकलीं। कलश यात्रा गांव की गलियों से होती हुई आश्रम पहुंची। इस अवसर पर कथा व्यास तेजराम शास्त्री ने प्रवचन देते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में धर्म व ज्ञान का समावेश है।
आश्रम में शिव परिवार, शनिदेव, राम दरबार, हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गयी। महंत गणेश दास महाराज ने बताया भागवत कथा का समापन तीन मई को हवन यज्ञ के साथ होगा। चार मई को 13 मंडलों के साधु संतों का विशाल भंडारा आश्रम में किया जायेगा, जबकि पांच मई को आगरा से दिल्ली के बीच की सरदारी को आमंत्रित किया गया है।
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