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मुकुट पहनाने से पहले लगाते हैं चंदन का लेप

संन्यासियों के सात अखाड़ों के कुल देवता हैं दत्तात्रेय। यह बात अलग है कि इन अखाड़ों की अपनी अलग पहचान है तो पूजा की अपनी-अपनी विधियां भी।

By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2013 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2013 01:06 PM (IST)
मुकुट पहनाने से पहले लगाते हैं चंदन का लेप

कुंभ नगर। अखाड़ा कथा-

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संन्यासियों के सात अखाड़ों के कुल देवता हैं दत्तात्रेय। यह बात अलग है कि इन अखाड़ों की अपनी अलग पहचान है तो पूजा की अपनी-अपनी विधियां भी। दिलचस्प यह कि इनकी सुबह-शाम होने वाली पूजा में चार भाले भी पूजे जाते हैं।

अखाड़ों की पूजा का समय भोर में चार बजे से आठ तक है। यही क्रम शाम को भी चलता है। कुल देवता दत्तात्रेय पर पहले पुष्प चढ़ता है। चंदन लगता है और इसके बाद मुकुट धारण कराया जाता है। फिर उतारी जाती है आरती। इस दौरान चार तरह की आरती होती है। पहले मंगला आरती फिर श्रृंगार, भोग और शयन आरती। आरती के बाद भगवान को शयन कक्ष में ले जाकर विश्राम कराया जाता है। बड़े पुजारी के पद पर रह चुके महंत प्रचार गिरि बताते हैं कि आरती के साथ चार भाले भी पूजे जाते हैं।

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