Move to Jagran APP

हे गंगा मैया हम बच गए

जंक्शन पर भगदड़ तकरीबन साढ़े सात बजे मची थी मगर साढ़े नौ बजे तक हादसे में घायल हुए लोगों और मरने वालों का कोई हाल लेने वाला नहीं था। प्लेटाफार्म पर इधर-उधर लाशें पड़ी हुई थी। घायलों की मदद के लिए उनके परिजन गुहार लगा रहे थे मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं थ

By Edited By: Published: Mon, 11 Feb 2013 12:32 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2013 12:32 PM (IST)
हे गंगा मैया हम बच गए

इलाहाबाद। जंक्शन पर भगदड़ तकरीबन साढ़े सात बजे मची थी मगर साढ़े नौ बजे तक हादसे में घायल हुए लोगों और मरने वालों का कोई हाल लेने वाला नहीं था। प्लेटाफार्म पर इधर-उधर लाशें पड़ी हुई थी। घायलों की मदद के लिए उनके परिजन गुहार लगा रहे थे मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। कोई अपनी मां को अस्पताल ले जाने की दुहाई दे रहा था तो कोई अपने पिता से लिपटकर रो रहा था। साढ़े नौ बजे डीआरएम घटनास्थल पर पहुंचे तो घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश शुरू हुई। दो घंटे तक इलाज न मिल पाने से तकरीबन चार लोगों ने दम तोड़ दिया। जंक्शन पर शाम को हुए हादसे के बाद राहत और बचाव का कार्य शुरू करने में दो-ढाई घंटे से अधिक का वक्त लग गया।

loksabha election banner

रेलवे पुलिस ने स्काउट गाइडस की मदद से लाशों और घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। मदद करने वाले कम थे और घायल हुए लोग ज्यादा। घटनास्थल पर ही 17 लोगों की जान जा चुकी थी, जबकि तीन दर्जन लोग घायल थे। घायलों को रेलवे को अस्पताल ले जाने में ढाई घंटे का वक्त लग गया। जब तक उनका इलाज शुरू होता चार की जान जा चुकी थी। अस्पताल में घायलों की मौत से उनके परिजन दहल उठे। उनकी चीत्कार से देर रात तक अस्पताल गूंजता रहा।

बेटवा के का देब जवाब-

हादसे में मृत आशा और उसकी मां की लाश से लिपटकर रो रही सास कलावती बार-बार यही कहती - घरे जाकै बेटवा के देब जवाब। कलावती बहू और पोती को लेकर गंगा स्नान के लिए यहां आई थी। उसके साथ गांव का युवक भी आया था, वह भी हादसे की भेंट चढ़ गया था।

देर रात तक होती रही शिनाख्त-

हादसे में मरने वाले 21 लोगों में से देर रात तक सिर्फ नौ की शिनाख्त ही हो सकी थी। हादसे की जद में आए लोगों के परिजनों को जब टीवी चैनलों पर प्रसारित खबरों से दुर्घटना का पता चला तो उनके यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। शव को रेलवे पुलिस ने उन्हें पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था।

हे गंगा मैया हम बच गए

घटना की जानकारी होने के बाद रेलवे स्टेशन के सरकुलेटिंग एरिया के बाहर अपनी बारी का इंतजार करने वाले श्रद्धालुओं की जैसे सांसे ही रुक गईं। साढ़े सात बजे तक घर जाने की जल्दी दिखाने वाले ये श्रद्धालु जहां जगह मिली वहीं रुक गए। शवों को बाहर निकलते देख सभी सन्नाटे में आ गए। कुछ के मुंह से निकला हे गंगा मैया हम बच गए।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.