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फिर चलेगा शास्त्रार्थ का वज्र

कुंभ क्षेत्र में असली नकली शंकराचायरें का विवाद थम नहीं रहा है। मंगलवार को सुमेरुपीठ के स्वामी नरेंद्रानंद दल बल के साथ संगम तट पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद से शास्त्रार्थ करने पहुंच गए।

By Edited By: Published: Thu, 10 Jan 2013 04:05 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2013 04:05 PM (IST)
फिर चलेगा शास्त्रार्थ का वज्र

इलाहाबाद। कुंभ क्षेत्र में असली नकली शंकराचायरें का विवाद थम नहीं रहा है। मंगलवार को सुमेरुपीठ के स्वामी नरेंद्रानंद दल बल के साथ संगम तट पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद से शास्त्रार्थ करने पहुंच गए। सनातन धर्म संरक्षण समिति ने यहां शास्त्रार्थ की व्यवस्था कर रखी थी। हालांकि शंकराचार्य स्वरूपानंद ने पहले ही इस शास्त्रार्थ में नहीं आने की घोषणा कर दी थी। समिति ने अब शास्त्रार्थ की अगली तिथि आठ फरवरी निर्धारित कर दी है।

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कुंभ क्षेत्र में चतुष्पद बनाए जाने की मांग कर रखी है। उनका मानना है कि इसमें चार शंकराचार्यो का बसाया जाए जिससे लोगों को यह जानकारी हो सके कि कौन शंकराचार्य असली हैं। उनकी इस मांग पर बखेड़ा हो चुका है। इसे लेकर पिछले दिनों उन्होंने काशी में विद्वत परिषद के सामने असली और नकली शंकराचार्य के मसले पर शास्त्रार्थ की बात कही थी। इसी बीच सुमेरुपीठ के स्वामी नरेंद्रानंद ने प्रयाग में 9 जनवरी को शास्त्रार्थ करने चुनौती दी। सनातन धर्म संरक्षण समिति ने सभी शंकराचार्यो को यहां आमंत्रित किया था। समिति संयोजक ओंकारनाथ त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रार्थ की तिथि पहले से निर्धारित थी।

आयोजन समिति गठित- सनातन धर्म संरक्षण समिति 8 फरवरी को 2 बजे शास्त्रार्थ का आयोजन करेगी। इसके लिए गठित समिति में तीर्थ पुरोहित महासभा के विधि संयोजक मधु चकहा, त्रिवेणी कल्याण महासमिति के अध्यक्ष फूलचंद्र दुबे, तुलसी साहित्य दर्शन केंद्र श्रृंगवेरपुर के सचिव संजीव पाण्डेय, अखिल भारतीय ब्राहृमण समाजोत्थान समिति के अध्यक्ष डा.अनिल कुमार त्रिपाठी, हनुमत संस्कृत विद्यालय धर्मार्थ समिति के शेषचंद्र शुक्ला, विजय कुमार, विक्रम निषाद, अशोक हैं।

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