जय गुरुदेव बाबा का बारह हजार करोड़ का साम्राज्य
जय बाबा की। टाट के वस्त्रधारण करने का मंत्र देने वाले बाबा जय गुरुदेव के पास संपत्ति का अथाह सागर है। प्रारंभिक रूप से सामने आ रहा है कि यह बारह हजार करोड़ से ज्यादा की है।
आगरा। जय बाबा की। टाट के वस्त्रधारण करने का मंत्र देने वाले बाबा जय गुरुदेव के पास संपत्ति का अथाह सागर है। प्रारंभिक रूप से सामने आ रहा है कि यह बारह हजार करोड़ से ज्यादा की है। इसमें मथुरा हाईवे स्थित बेशकीमती जमीन, एफडी और कैश शामिल है। आश्रम में दुनिया की सबसे महंगी गाडि़यों का लंबा काफिला है। बाबा की ओर से छोड़ी गयी यही अथाह संपत्ति उनके उत्तराधिकारी के विवाद को उलझा रही है।
सूत्रों के अनुसार संपत्ति तीन हिस्सों में बंटी हुई है। इसमें ज्यादातर नगदी सेविंग अकाउंट और एफडी के रूप में है। ट्रस्ट के मथुरा की आधा दर्जन से ज्यादा बैंकों में खाते और एफडी हैं। इनमें प्रमुख खाता एसबीआइ मंडी समिति में है, जहां एक अरब चालू बचत खातों में जमा हैं। इसके अलावा कई अरब की एफडी हैं।
बाबा की दूसरी संपत्ति भूमि के रूप में है। इसमें ज्यादातर मथुरा-दिल्ली हाईवे पर एक तरफ साधना केंद्र से जुड़ी है तो दूसरी तरफ बाबा का आश्रम है। नाम योग साधना केन्द्र सबसे महंगी संपत्ति है, जिसे जय गुरुदेव की ने अपने गुरू घूरे लाल के नाम पर बनवाया है। नाम साधना केंद्र के पीछे सत्संग स्थल है। यहीं पास ही कृष्णा नगर में बाबा जय गुरुदेव का पुराना आश्रम है। वहीं हाईवे पर मुख्य आश्रम भी है। ये सभी बेशकीमती हैं।
सूत्रों के अनुसार कुल जमीन का आकलन किया जाये तो बाबा के ट्रस्ट के पास चार हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है। इसमें मथुरा में हाईवे के दोनों किनारों पर स्थित जगह ही सबसे ज्यादा कीमती है। जय गुरुदेव के ट्रस्ट के नाम से मथुरा में स्कूल और पेट्रोल पंप भी हैं। बाबा का एक आश्रम इटावा के पास खितौरा में बन रहा है। यहां नामयोग साधना केंद्र तीन सौ बीघे में निर्माणाधीन है। इसके अलावा कई और जगह पर बाबा के ट्रस्ट की संपत्ति है। संपत्ति में जय गुरुदेव की ढाई सौ गाडि़यों का काफिला भी कम आकर्षक नहीं है। इसमें पांच करोड़ से ज्यादा कीमत की लिमोजिन गाड़ी भी है। इसके अलावा कई करोड़ की कीमत की प्लेमाउथ, ओल्ड स्कोडा, मर्सडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू भी इस काफिले का हिस्सा हैं। इन गाडि़यों की कीमत ही 150 करोड़ के आसपास आकी जा रही है। बारह लाख रुपये महीने आय- नामधाम योग साधना केंद्र और आश्रम को हर महीने दस-बारह लाख रुपये का दान मिलता है। इसमें पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा और होली के आयोजनों पर आने वाला दान शामिल नहीं है। आश्रम में होने वाले निर्माण पर भी ज्यादा खर्चा नहीं आता, क्योंकि यहां श्रमदान की प्रथा चल रही है। आश्रम में हजारों गाय जय गुरुदेव आश्रम में हजारों गायों की सेवा रोजाना की जाती है। इसका खर्चा आश्रम को मिलने वाले दान से चलता है। इसके अलावा गायों का दूध भी बिक्त्री के लिए उपलब्ध है। इससे होने वाली आय को गौशाला के संचालन में ही प्रयोग में लाया जाता है।
कौन बनेगा उत्तराधिकारी- अथाह संपत्ति और बेशुमार सम्मान बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी के विवाद को पेचीदा बनाता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आश्रम में एक बड़ा गुट मथुरा के आश्रम में सेवा करने वाले संतराम चौधरी का नाम आगे कर रहा है तो एक गुट उमाकांत तिवारी के नाम को आगे बढ़ा रहा है। साथ ही सतीशजी का नाम भी चर्चा में है। कई और नाम भी आगे किये जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बीच का रास्ता भी निकाला जा सकता है। बहुत संभव है कि दोनों आश्रमों में नाम दान देने का काम अलग-अलग गुरुओं के पास पहुंच जाए। इस संबंध में कोई पदाधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं है। संत राम चौधरी ने कहा कि उत्तराधिकारी का चयन तीस तारीख के बाद होगा। उन्होंने संपत्ति के बारे में कहा कि यह अलग-अलग लोगों का जिम्मा है और उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं मालूम।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर