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पूर्वजों से मिलती है पॉजिटिव एनर्जी

30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक मार्केट का मीटर डाउन रहेगा। न कोई खरीददारी और न कोई इन्वेस्टमेंट। अगले 15 दिन तक बाजार सुस्त रहेगा। कोई भी मार्केटिंग स्टंट काम नहीं आने वाला। मॉडर्नाइजेशन और माडर्न साइंस की कितनी भी दुहाई क्यों न दी जाए, लेकिन पितृ पक्ष में लोग इन परपंपराओं और रीति-रिवाजों का जरूर पालन करते हैं। परिवार के बड़े लोग घर के हर सदस्य से इन 15 दिनों में नियमों का पालन करने का जोर देते हैं।

By Edited By: Published: Sun, 30 Sep 2012 12:14 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2012 12:14 PM (IST)
पूर्वजों से मिलती है पॉजिटिव एनर्जी

मेरठ। 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक मार्केट का मीटर डाउन रहेगा। न कोई खरीददारी और न कोई इन्वेस्टमेंट। अगले 15 दिन तक बाजार सुस्त रहेगा। कोई भी मार्केटिंग स्टंट काम नहीं आने वाला। मॉडर्नाइजेशन और माडर्न साइंस की कितनी भी दुहाई क्यों न दी जाए, लेकिन पितृ पक्ष में लोग इन परपंपराओं और रीति-रिवाजों का जरूर पालन करते हैं। परिवार के बड़े लोग घर के हर सदस्य से इन 15 दिनों में नियमों का पालन करने का जोर देते हैं।

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नई चीज नहीं

भारत ज्योतिष शोध संस्थान के डायरेक्टर भारत ज्ञान भूषण बताते हैं कि साल के इन 15 दिनों में हमारा पूरा ध्यान पितरों पर होना चाहिए, हमारा हर कर्म पितरों के लिए हो। इस दौरान हमें स्वयं के लिए कुछ न करके पितरों के लिए करना होता है। अगर खरीददारी पितरों के लिए करनी है तो की जा सकती है, लेकिन अपने लिए खरीददारी करने से बचें। नेगेटिव एनर्जी होती है सक्रिय

भारत ज्ञान भूषण बताते हैं कि पितृ पक्ष में पितृ और आसुरी शक्तियां दोनों जागृत रहती हैं। इसलिए पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश से संबंधित कोई भी वस्तु खरीदने पर उसमें निगेटिव एनर्जी समाने के चांस रहते हैं। इसलिए इस दौरान कोई भी नई वस्तु खरीदने से बचना चाहिए। दो दिन की छूट

वैसे तो अपने और परिवार के लिए नई चीजें खरीदना वर्जित है, लेकिन फिर भी अगर कोई इमरजेंसी है तो 2 और 12 अक्टूबर को खरीददारी की जा सकती है। मरीजों के लिए दवा आदि जीवन रक्षक चीजों की खरीददारी इस दौरान वर्जित नहीं है। क्या करें

-पितरों का भोजन: जौ, धान, तिल, गेहूं, मूंग, समा, सरसों का तेल, आम, बेल, अनार, पुराना आंवला, नारंगी, नारियल, खजूर, अंगूर, परवल, मटर, कचनार, बेर और इंद्र जौ व दूध चावल की खीर।

-काले तिल का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो। सफेद तिल का तर्पण व्यर्थ जाता है।

-चांदी और तांबे के पात्र पितरों को तारने वाले माने जाते हैं, जबकि लोहे, स्टील और मिट्टी के पात्र पितरों के लिए निषेध हैं। क्या न करें

-पितरों के लिए निषेध भोजन: राजमा, मसूर, अरहर, गाजर, चना, भेलिया, गोल लौकी, बैंगन, शलजम, सिंघाड़ा, प्याज, लहसून, मांसाहार, हींग, काला नमक, काला जीरा, सुपारी आदि का प्रयोग न करें।

-पितृ पक्ष में दही नहीं मथनी चाहिए, कोशिश करें कि मिक्सी से कुछ भी न मथा जाए।

-पितृ पक्ष में बाल न कटवाएं, शेव कराने से भी बचें। इन दिनों नए कपड़े धारण करने से भी बचें।

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