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चिराग तले अंधेरा, योजना न जिज्ञासा

धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष व बेहतरीन प्रबंधन का संगम। महज दो महीने में रेत के ढेर पर बसाया गया अकल्पनीय और अद्भुत नगर। अलग-अलग संस्कृति-सभ्यता, भाषा, बोली और वेशभूषा। नागा-अधनंगे साधु, उनके अजब-गजब करतब, भाव भंगिमाएं।

By Edited By: Published: Thu, 24 Jan 2013 02:49 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2013 02:49 PM (IST)
चिराग तले अंधेरा, योजना न जिज्ञासा

इलाहाबाद। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष व बेहतरीन प्रबंधन का संगम। महज दो महीने में रेत के ढेर पर बसाया गया अकल्पनीय और अद्भुत नगर। अलग-अलग संस्कृति-सभ्यता, भाषा, बोली और वेशभूषा। नागा-अधनंगे साधु, उनके अजब-गजब करतब, भाव भंगिमाएं। कोई अति क्रोधी तो कोई अति शांत। धर्म-अध्यात्म की इस मेगा सिटी का रोमांच और रहस्य ही है जिसने हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसे विश्‌र्र्वविद्यालयों को शोध करने पर मजबूर किया है। हार्वर्ड विश्‌र्र्वविद्यालय महाकुंभ को एक केस स्टडी के रूप में देख रहा है, तो ऑक्सफोर्ड प्रबंधन का नायाब नमूना। एमएनएनआइटी भी श्रद्धालुओं के आर्थिक, सामाजिक स्तर और प्रबंधन के विभिन्न आयामों पर शोध कर रहा है। विडंबना यह है कि पूरब के ऑक्सफोर्ड का तमगा लिए इलाहाबाद विश्‌र्र्वविद्यालय में कुंभ पर शोध के लिए कोई समग्र प्लान नहीं है। हार्वर्ड फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंस (एफएएस), स्कूल ऑफ डिजाइन, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, हार्वर्ड डिवाइनिटी स्कूल और हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट की टीम अपने प्रोजेक्ट मैपिंग इंडियाज कुंभ मेला पर शोध करने आई। इस टीम ने कुंभ के विभिन्न आयामों को आंकड़ों और तस्वीरों में कैद किया है। मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने भी 100 शिक्षकों और शोधार्थियों की टीम गठित की है। एमएनएनआइटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ने 2500 श्रद्धालुओं, संतों और व्यापारियों के ऊपर शोध करने का फैसला किया है। देश दुनिया की निगाह कुंभ पर है। कुंभ मेले के सफल आयोजन पर हार्वर्ड विश्‌र्र्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध को साइंटिफिक जर्नल तक में प्रकाशित किए जा चुका है। कुंभ पर उच्च स्तरीय शोध इस जर्नल में प्रकाशित होने का एक मौका हो सकता है, पर इलाहाबाद विश्‌र्र्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड विश्‌र्र्वविद्यालय जैसी कुंभ पर शोध करने के लिए टीम नहीं बनाई गई। केंद्रीय विश्‌र्र्वविद्यालय होने के बावजूद कुंभ पर शोध के प्रति उदासीनता दिखाई गई।

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क्या है मेगा सिटी का रोमांच- गंगा के किनारे 12 साल में 10 हजार एकड़ में एक अस्थायी शहर बसाना, शहर का नक्शा तैयार करना, खाने-पीने की सुविधाएं देना, पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लगाना और बिजली की व्यवस्था करना, अस्थायी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाना, इस छोटे एवं अद्भुत शहर की सुरक्षा के लिए भारी पुलिसबल की तैनाती।

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