सकारात्मक ऊर्जा
सद्विचार मानव जीवन की इच्छाशक्ति व विश्वास को मजबूत बनाते हैं। इसी से सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक प्रेरणा प्राप्त होती है। इसी प्रेरणाशक्ति से मानव अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को बड़ी ही आसानी के साथ दूर कर सकता है।
सद्विचार मानव जीवन की इच्छाशक्ति व विश्वास को मजबूत बनाते हैं। इसी से सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक प्रेरणा प्राप्त होती है। इसी प्रेरणाशक्ति से मानव अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को बड़ी ही आसानी के साथ दूर कर सकता है। किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए मनुष्य को बिना विचारे कार्य नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी क्षमताओं का सही उपयोग करना चाहिए। जो भी अपनी सही क्षमताओं का नियोजन करेगा वह उतना ही अधिक प्रसन्नचित्त, दूरदर्शी उत्साहयुक्त, आत्मविश्वासी एवं जीवन की चुनौतियों का सामना करने को तैयार होगा। ऐसे ही लोग जीवन में निराश व अंधेरे में डूबे व्यक्तियों के मन में वह ज्योतिर्मय दीप जलाते हैं जिसके प्रकाश के माध्यम से स्वयं प्रकाशित होकर व्यक्ति किसी अन्य के मन में आत्मविश्वास का दीप जलाता है। जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छाशक्ति व सकारात्मक ऊर्जा के द्वारा अपने पथ की सारी बाधाओं को दूर करके नवीन पथ का निर्माण किया है। नकारात्मक भावना रखने वाला व्यक्ति कभी भी सफल नहीं होता, क्योंकि उसकी सोच में आशंका की स्थिति होने के कारण वह अपने आप पर विश्वास नहीं करता। साथ ही न वह अपनी प्रतिभा को तलाशता है और न ही दूसरों के अनुभवों से सीखता है। यहां तक कि स्वयं किए हुए प्रयासों में भी मन में सफलता के प्रति आशंकित रहता है। सकारात्मकता अपनाने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले अपने को ऐसी संगत में रखना चाहिए जिनके विचार व आदर्श पे्ररणा देने वाले हों। किसी भी प्रकाश की किरण का सुख पाने के लिए अंधकार का होना अनिवार्य है। हमें प्रकाश की अनुभूति तभी होगी जब अंधकार का ज्ञान होगा। इसी प्रकार सुख संपत्ति की अनुभूति भी तभी होती है जब पहले अभाव का सामना किया हो। दुख के पीछे सुख अवश्य है, किंतु उसे पाने के लिए कितनी भी कठिनाई आए हमें अपनी सकारात्मक ऊर्जा को क्षीण नहीं होने देना है। सकारात्मक सोच के साथ लगातार उत्साहयुक्त श्रम से जीवन का लक्ष्य पूर्ण होना संभव है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर