भोले की नगरी ने ओढ़ी रामनामी
रामनवमी पर रविवार को देवाधिदेव महादेव की नगरी ठीक दोपहर 12 बजे भये प्रकट कृपाला दीन दयाला. समेत मर्यादा पुरुषोत्तम के भजनों से गूंज उठी। मठों-मंदिरों में प्रभु की प्रतिमाओं का श्रृंगार किया गया।
वाराणसी। रामनवमी पर रविवार को देवाधिदेव महादेव की नगरी ठीक दोपहर 12 बजे भये प्रकट कृपाला दीन दयाला. समेत मर्यादा पुरुषोत्तम के भजनों से गूंज उठी। मठों-मंदिरों में प्रभु की प्रतिमाओं का श्रृंगार किया गया। साथ ही राम दरबार की झांकी सजायी गयी। घर-घर राम नाम की ऐसी धूम, मानो समूची काशी ने रामनामी ओढ़ ली हो। संकट मोचन मंदिर स्थित राम दरबार में सवेरे मंगला आरती के बाद से ही भक्तों का रेला उमड़ पड़ा।
पूर्वाह्न में दर्शन- पूजन को विराम देकर दोपहर में जन्मोत्सव की झांकी सजायी गयी। सोहर व बधाई गीतों से परिसर गूंजता रहा। देर रात तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। खोजवां स्थित रामजानकी मंदिर में प्रभु जन्म की झांकी सजायी गयी। दिन भर परिसर श्रीराम की जयकार से गूंजता रहा। सायंकाल संगीत संध्या में भजन गूंजे। अर्दलीबाजार स्थित बड़े हनुमान मंदिर स्थित रामदरबार में प्रात:काल पंचोपचार के बाद चंदन लेपन किया गया। पुजारी शैलेंद्र द्विवेदी ने पंच आरती की। भदैनी स्थित माता आनंदमयी आश्रम और रामहल्ला मंदिर, बनकटी हनुमान मंदिर स्थित रामदरबार, रामतारक आंध्रा आश्रम, मथुरा साहु ठाकुर बाड़ी, जतनबर राम दरबार, मानस मंदिर, राम घटाटे राम मंदिर में भी जन्मोत्सव मनाया गया। सीताराम कल्याण महोत्सव, काशी कर्नाटक संघ, काशी आर्य समाज की ओर से भी प्राकट्योत्सव पर विभिन्न आयोजन किए गए। आयर बाजार में रामनवमी का मेला सजा। रामदरबार की शोभायात्रा :श्रीराम महोत्सव आयोजन समिति ने कालीमहाल [चेतगंज] से रामदरबार की शोभायात्रा निकाली। इसमें प्रभु की मनमोहक झांकी के पीछे बैंड की धुन पर थिरकते भक्तों का रेला उमड़ा। लहुराबीर, चौक, गोदौलिया होते चितरंजन पार्क में समापन किया गया।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर