बुद्ध पूर्णिमा को बैशाख माह का अंतिम स्नान
बैशाख माह का स्नान क्त्रम समापन की ओर है। अंतिम स्नान पूर्णिमा का होगा। बैशाख माह की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं।
हरिद्वार। बैशाख माह का स्नान क्त्रम समापन की ओर है। अंतिम स्नान पूर्णिमा का होगा। बैशाख माह की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं।
प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। शास्त्रों में पूर्णिमा को तीर्थ स्थलों में गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। बैशाख पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इस पूर्णिमा को भाष्कर देव अपनी उच्च राशि मेष में होते हैं और चंद्रमा भी उच्च राशि तुला में। संयोगवश इस बार पूर्णिमा को स्वाती नक्षत्र का योग भी है। बैशाख पूर्णिमा 6 मई को आ रही है।
शास्त्रों में पूरे बैशाख माह में गंगा स्नान का महत्व बताया गया है। शास्त्रों में यह भी वर्णित है कि पूर्णिमा का स्नान करने से पूरे बैशाख माह के स्नान के बराबर पुण्य मिलता है।
इस पूर्णिमा का एक अन्य पक्ष यह भी है कि बैशाख पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था और इसी तिथि को भगवान बुद्ध को बौद्धत्व की प्राप्ति भी हुई थी। इस कारण बैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। हालांकि भगवान बुद्ध ने स्वयं कुछ नहीं लिखा, उन्होंने मौखिक ही उपदेश दिए, किंतु उनके अनुयायियों ने उनके उपदेशों को लिपिबद्ध किया। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा गंगा स्नान के साथ ही बुद्धं शरणं गच्छामि को आत्मसात करने का पुनीत दिवस है।
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