कामना ही मनुष्य के दुखों का कारण
बाबा फकड़नाथ ने कहा की मनुष्य के दुख का, संताप का, परेशानियों व दुर्गति का कारण कामना, इच्छा, वासना है। इच्छा पूरी होती है तो सुख होता है और इच्छा की आपूर्ति में दुख होता है।
हाट। बाबा फकड़नाथ ने कहा की मनुष्य के दुख का, संताप का, परेशानियों व दुर्गति का कारण कामना, इच्छा, वासना है। इच्छा पूरी होती है तो सुख होता है और इच्छा की आपूर्ति में दुख होता है। इच्छा में बाधा लगने से ही क्रोध की उत्पत्ति होती हे। वे बागडू गांव में एक धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई क्रोधी है, तो इसका कारण है उसके भीतर इच्छाएं दबी पड़ी है। सत्संग से सेवा से परोपकार से इच्छाओं का संबंध होता है। कर्मयोगी दूसरों की इच्छाएं पूरी करके सेवा करके सुख पहुंचा के अपनी इच्छाओं से रहित हो जाता हे जो दूसरों की शास्त्रों चित इच्छाएं पूरी करता है। ज्ञान योगी इच्छाओं का कारण अज्ञान को मिटाकर इच्छा रहित होता है।
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