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दिल्ली के दबंग का दबदबा

विराट कोहली ने आज एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके अंदर भारतीय फैंस भविष्य का कप्तान देख सकते हैं। वनडे करियर में नौंवा शतक लगाने वाले दिल्ली के इस लाल ने दिखाया है कि संयम और आक्रामकता का मेल एक पारी को किस हद तक निखार सकता है।

By Edited By: Published: Tue, 28 Feb 2012 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2012 06:20 PM (IST)
दिल्ली के दबंग का दबदबा

होबार्ट। विराट कोहली ने आज एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके अंदर भारतीय फैंस भविष्य का कप्तान देख सकते हैं। वनडे करियर में नौंवा शतक लगाने वाले दिल्ली के इस लाल ने दिखाया है कि संयम और आक्रामकता का मेल एक पारी को किस हद तक निखार सकता है।

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विराट के नाबाद 133 रन से भारत ने आज त्रिकोणीय सीरीज के महत्वपूर्ण वनडे क्रिकेट मैच में श्रीलंका पर सात विकेट की दर्ज की और इस बल्लेबाज ने इसे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी करार किया। जाहिर है कि जब विराट ने पहली बार भारत की जर्सी पहनी थी तब भी देश इस बात से वाकिफ था कि अंडर-19 में अपनी अगुवाई में भारत को विश्व कप जिताने वाले इस युवा खिलाड़ी से उम्मीद की जा सकती है, लेकिन जिस मजबूती के साथ यह खिलाड़ी आगे बढ़ा, उसने उम्मीदों की सारी हदें पीछे छोड़ दीं। कोहली ने मैच के बाद कहा, यह मेरे कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारी होनी चाहिए। हम जिन हालात में थे, 320 के लक्ष्य का पीछा करते हुए हमें बोनस अंक की जरूरत थी इसलिए यह अहम मैच था और सही समय पर ऐसी पारी खेलने के बाद मुझे लगता है कि यह मेरे लिए शानदार पारी थी। यह पूछने पर कि क्या यह पारी उनके आलोचकों को करारा जवाब देगी तो उन्होंने कहा कि इससे अधिक यह पारी खुद को साबित करने के लिए थी।

कोहली ने कहा, आलोचक हमेशा रहते हैं, यह पारी इससे कहीं अधिक खुद को साबित करने की थी। अगर आप अच्छा खेलते हो तो आप टीम को जीत की ओर ले जाते हो। यह पारी खेलकर सचमुच अच्छा लग रहा है। पर्थ में मेरी पारी से पहले मैं सोच रहा था कि मीडिया में क्या चल रहा होगा लेकिन इसके बाद मैंने खबरें देखना बंद कर दिया। मैंने खुद को सकारात्मक सोचने के लिए कहा और यह भी कि रन नहीं बनाने का कोई कारण नहीं है। मैंने भरोसा बनाए रखा और मुझे लगता है कि यही महत्वपूर्ण था।

कोहली की नाबाद पारी ने भारत को श्रीलंका पर 36.4 ओवर में ही जीत दिलाने में मदद नहीं की बल्कि उसे निहायत जरूरी बोनस अंक भी दिलाया जिससे टीम टूर्नामेंट के फाइनल्स की दौड़ में बनी हुई है। इस मध्यक्रम बल्लेबाज ने कहा, जब आपके पास केवल एक मैच ही बचा हो तो आपको इसी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है। हम ऐसा करने में सफल रहे जिससे हम संतुष्ट हो सकते हैं। आस्ट्रेलिया में निराशाजनक दौरे के बाद ऐसी जीत महत्वपूर्ण होती है। हम इस मैच से काफी सकारात्मक चीजें सीखेंगे। इससे दिखता है कि टीम किसी भी समय ऐसा प्रदर्शन कर सकती है। इस 23 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा कि अगर भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल्स में पहुंच जाती है तो भी इसी जज्बे से खेलना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, अगर हम फाइनल्स में पहुंच जाते हैं तो हम आज जैसा ही प्रदर्शन करेंगे। हम हिचकिचाएंगे नहीं और आज जैसा ही खेल दिखाएंगे।

2008 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट आज शतक जड़ने के मामले में जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं वो वाकई दिलचस्प और काबिलेतारीफ है। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 2004 में अपने करियर की शुरुआत की लेकिन आज उनके नाम महज सात वनडे शतक हैं जबकि 2008 में वनडे से करियर का आगाज करने वाले कोहली अब तक नौ शतक जड़ चुके हैं। यह साबित करता है कि इस जबरदस्त खिलाड़ी को आने वाले समय में धौनी या किसी और सीनियर खिलाड़ी का कप्तान के तौर पर विकल्प देखा जा सकता है।

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