शिव शांति के प्रतीक
स्वामी हरि चैतन्यपुरी महाराज ने कहा कि मनुष्य को शीतल रहना चाहिए। न ही उसे क्रोध रूपी विष का पान करना चाहिए, न ही उसे बाहर निकालना चाहिए।
By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2012 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2012 11:03 PM (IST)
काशीपुर, जागरण संवाददाता। स्वामी हरि चैतन्यपुरी महाराज ने कहा कि मनुष्य को शीतल रहना चाहिए। न ही उसे क्रोध रूपी विष का पान करना चाहिए, न ही उसे बाहर निकालना चाहिए। सोमवार को ग्राम गढ़नेगी में शिवरात्रि मेले के समापन पर भक्तों को उपदेश देते हुए उन्होंने कहा कि शिव शांति के प्रतीक हैं। उन्होंने संसार के कष्ट को दूर करने के लिए समुद्र मंथन से निकला हलाहल विष पी लिया था। शिव व्यक्तित्व प्रेरणादायक हैं। माता पार्वती उनकी भक्ति करती हैं। प्रभु विष्णु के अवतार श्रीराम उनका अनुकरण करते हैं।
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