सुख-दु:ख में समान रहने वाला परमयोगी
सद्गुरुदेव सत्संग मंडल विकासनगर की ओर से भोजावाला में आयोजित संत्सग करते हुए सद्गुरुदेव सत्संग मंडल के संयोजक विशाल नेगी ने कहा कि जो सुख-दु:ख में समान रहता है वही परमयोगी है।
विकासनगर। सद्गुरुदेव सत्संग मंडल विकासनगर की ओर से भोजावाला में आयोजित संत्सग करते हुए सद्गुरुदेव सत्संग मंडल के संयोजक विशाल नेगी ने कहा कि जो सुख-दु:ख में समान रहता है वही परमयोगी है।
उन्होंने कहा कि जैसे कमल के स्वरूप में पानी का लेप नहीं होता उसी प्रकार आत्मा निर्लेप है। संत लोग शरीर से बहुत कुछ करते हैं परंतु वे सदा निर्लेप रहते हैं। उन्होंने कहा कि जो सबके रोम-रोम में रम रहा है उसे राम कहते हैं, जो सबके दिल में बस रहा है उसे बासुदेव और जो कल्याणकारी है उसे शिव कहते हैं। जो हमारे काम व क्त्रोध के दुर्ग को गिरा दे उसे दुर्गा कहते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर एक ही है वह समय-समय पर लोककल्याण के लिए धरती पर आते हैं। आत्मा अजर-अमर व अविनाशी है। गुरु से दीक्षा लेकर हमें इसी जन्म में मुक्ति का अनुभव कर लेना चाहिए। शरीर क्षणभंगुर है। सत्संग का आश्रय लेकर मुक्ति की यात्रा कर लेनी चाहिए। सत्संग में प्रदीप कपिल, कृष्ण दत्त शर्मा, ज्ञानचंद, राजेंद्र राणा, कांता सुस्वाल, श्यामा गुसाई व वीरा चौधरी मौजूद थे।
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