पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त
मान्यता है कि शुभ-मुहूर्त पर पूजन करने से लक्ष्मी चंचल स्वभाव त्यागकर घर में स्थिर होकर वास करती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपावली की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त कार्तिक अमावस्या को सूर्यास्त के उपरांत प्रारंभ होता है।
मान्यता है कि शुभ-मुहूर्त पर पूजन करने से लक्ष्मी चंचल स्वभाव त्यागकर घर में स्थिर होकर वास करती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपावली की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त कार्तिक अमावस्या को सूर्यास्त के उपरांत प्रारंभ होता है।
स्थानीय सूर्यास्त से 2 घंटा 24 मिनट की अवधि प्रदोषकाल कहलाती है। गृहस्थों के लिए सायंकालीन प्रदोषकाल को लाभकारी माना गया है। इस अवधि में वृष लग्न के संयोग को ग्रंथों में श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि स्थिर स्वभाव वाला वृष लग्न से संयुक्त प्रदोषकाल चंचला लक्ष्मी को स्थिरा बनाने में सक्षम है।
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