Move to Jagran APP

पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त

मान्यता है कि शुभ-मुहूर्त पर पूजन करने से लक्ष्मी चंचल स्वभाव त्यागकर घर में स्थिर होकर वास करती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपावली की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त कार्तिक अमावस्या को सूर्यास्त के उपरांत प्रारंभ होता है।

By Edited By: Published: Wed, 07 Nov 2012 03:05 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2012 03:05 PM (IST)
पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त

मान्यता है कि शुभ-मुहूर्त पर पूजन करने से लक्ष्मी चंचल स्वभाव त्यागकर घर में स्थिर होकर वास करती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपावली की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त कार्तिक अमावस्या को सूर्यास्त के उपरांत प्रारंभ होता है।

loksabha election banner

स्थानीय सूर्यास्त से 2 घंटा 24 मिनट की अवधि प्रदोषकाल कहलाती है। गृहस्थों के लिए सायंकालीन प्रदोषकाल को लाभकारी माना गया है। इस अवधि में वृष लग्न के संयोग को ग्रंथों में श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि स्थिर स्वभाव वाला वृष लग्न से संयुक्त प्रदोषकाल चंचला लक्ष्मी को स्थिरा बनाने में सक्षम है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.