मां की ममता का ऋण नहीं उतर सकता
इस जगत में मनुष्यों का कल्याण करने वाले भगवान ने भी हमेशा मां को सबसे ऊपर दर्जा दिया है।
तरनतारन। इस जगत में मनुष्यों का कल्याण करने वाले भगवान ने भी हमेशा मां को सबसे ऊपर दर्जा दिया है। जनकल्याण के लिए संसार में अवतरित होने वाले भगवान श्री राम चंद्र जी ने भी हमेशा नारी जाति को सम्मान देते हुए अपने माता-पिता के वचनों का पालन करते हुए रघुकुल रीत का धर्म निभाया, इसलिए आज भी जो अपनी मां का आशीर्वाद लेकर अपनी सुबह का आरंभ करते हैं उन पर भगवान व मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। उक्त प्रवचन महामंडलेश्वर श्री ऊषा माता जी की परम स्नेही शिष्या दिव्य ज्योति मां ने विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए समाजसेवक विजय गुप्ता के निवास पर करवाए गए भजन संध्या कार्यक्रम में किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य उम्र भर अपनी मां की ममता का ऋण नहीं उतार सकता। इस मौके पर नगर कौंसिल के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह खेड़ा, नितिन गुप्ता, विशाल गुप्ता, अजीत गुप्ता, दीपक कैरों, जीवन गुप्ता, प्रमोद, अश्रि्वनी कैरों, परमजीत पुंज, रोमी जोशी, हरिप्रकाश शर्मा व सुरजीत आहुजा उपस्थित थे।
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