गणगौर मेले में परंपरा और आस्था का संगम
परंपरा और आस्था का संगम। सुहाग की दीर्घायु के लिए गणगौर का पूजन। बैंड-बाजों और ढोल-ताशों के साथ निकाली गई गणगौर की शोभायात्रा में उमडे़ श्रद्धालु। मेले का आनंद उठाते बच्चे, महिलाएं और पुरुष।
आगरा। परंपरा और आस्था का संगम। सुहाग की दीर्घायु के लिए गणगौर का पूजन। बैंड-बाजों और ढोल-ताशों के साथ निकाली गई गणगौर की शोभायात्रा में उमडे़ श्रद्धालु। मेले का आनंद उठाते बच्चे, महिलाएं और पुरुष।
रविवार की रात गणगौर मेले के दूसरे दिन यही नजारा देखने को मिला। श्री गणगौर मेला कमेटी द्वारा अहीर पाड़ा, ताल मंगलेश्वर और बल्का बस्ती में लगाए गए मेले में भीड़ उमड़ी। गणगौर जोड़ों की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। सिर पर गणगौर के जोड़ों को विराजमान करके बैंडबाजों के साथ शोभायात्रा निकाली। क्षेत्र में भ्रमण के बाद गणगौर के जोड़ों को पुन: स्थापित कर दिया गया। पूजा-अर्चना के बाद मेले में उमड़ी भीड़ और श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, गोकुलपुरा में भी गणगौर मेले के दूसरे दिन रात को शोभायात्रा निकाली गई। स्वर्णिम आभूषणों से सुसज्जित गणगौर के जोड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। मेले में सजाए गए गणगौर के जोड़ों के दर्शन को भीड़ उमड़ी।गोकुलपुरा मेला कमेटी के अध्यक्ष रमेशचंद वर्मा, मंत्री महेशचंद वर्मा, संरक्षक दिनेशचंद शर्मा, पं.जगदीश प्रसाद शर्मा ने सभी का स्वागत किया। बल्का बस्ती बाजार कमेटी के मुकुल शर्मा, सुरेशचंद शर्मा, राजेश चंद कुमार, गोकुलपुरा में श्याम जौहरी, सुभाष जैन आदि ने व्यवस्था संभाली। बाड़ा चरन सिंह में बद्रीप्रसाद माहौर मौजूद रहे।मोतीकटरा में एक दर्जन से अधिक जोड़े थे। मोतीकटरा स्थित हनुमान चौराहा पर मुकुल बंसल, जगदीश शर्मा, विजय शर्मा, ब्रजेश दधीच आदि ने व्यवस्था संभाली।
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