श्रीकृष्ण योगेश्वरों के परम गुरु
योगेश्वर श्रीकृष्ण संसार के जीवों के कल्याण हेतु अनेक रूपों में दिखाई देते हैं। श्रीकृष्ण जो करते हैं वह संसार का काई जीव नहीं कर सकता है। भगवान ने कर्म का पाठ मानवता के लिए व्यक्त किया है। उसका अनुकरण करना चाहिए। जो भगवान ने लीलाएं की हैं। उनका मनुष्य को केवल अनुस्मरण ही करना चाहिए।
हल्द्वानी। योगेश्वर श्रीकृष्ण संसार के जीवों के कल्याण हेतु अनेक रूपों में दिखाई देते हैं। श्रीकृष्ण जो करते हैं वह संसार का काई जीव नहीं कर सकता है। भगवान ने कर्म का पाठ मानवता के लिए व्यक्त किया है। उसका अनुकरण करना चाहिए। जो भगवान ने लीलाएं की हैं। उनका मनुष्य को केवल अनुस्मरण ही करना चाहिए।
महावीर गंज में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास बसंत त्रिपाठी ने कहा कि परमात्मा श्रीकृष्ण एक साथ अनेक रूपों में प्रकट हो सकते हैं। यही उनका योगश्वर रूप है। इसी प्रसंग में उद्धव गोपी संवाद को वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ब्रज से मथुरा आने के पश्चात उनका मन गोकुल में रमा। परंतु लौकिक कार्यो की निवृत्त हेतु उन्होंने उद्धव को ब्रज में भेजा।
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