Move to Jagran APP

सहारा के जाते ही आईपीएल ब्रांड पर सवाल

सहारा के बहु-प्रचारित इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] से हाथ खींचने के बाद इस टूर्नामेंट को एक और झटका लगा है। ऐसे में ब्रांड विशेषज्ञों का कहना है कि विज्ञापनदाता आईपीएल में उनके भविष्य को लेकर सवाल उठा सकते हैं।

By Edited By: Published: Sun, 05 Feb 2012 09:12 PM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2012 09:12 PM (IST)
सहारा के जाते ही आईपीएल ब्रांड पर सवाल

नई दिल्ली। सहारा के बहु-प्रचारित इंडियन प्रीमियर लीग [आईपीएल] से हाथ खींचने के बाद इस टूर्नामेंट को एक और झटका लगा है। ऐसे में ब्रांड विशेषज्ञों का कहना है कि विज्ञापनदाता आईपीएल में उनके भविष्य को लेकर सवाल उठा सकते हैं।

loksabha election banner

क्रिकेट पर भारी भरकम खर्च करने वाली मारुति सुजुकी इंडिया जैसी कंपनियां भी इस बात से सहमत हैं कि टी20 लीग के दर्शकों की संख्या कम हुई है और उन्हें अपने निवेश पर उम्मीद के अनुरूप मुनाफा नहीं मिलता है तो एक समय के बाद विज्ञापनदाता विकल्पों की तलाश करने लगेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल के सूत्रधार रहे ललित मोदी से जुड़े विवाद हों या कोच्चि टीम का रद्द किया जाना, ब्रांड आईपीएल की चमक दिन ब दिन फीकी होती जा रही है। फ्यूचर ब्रांड्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संतोष देसाई ने कहा, बहु-प्रचारित राजसी ब्रांड से अचानक आईपीएल ऐसा ब्रांड बन गया जब विज्ञापनदाता, टीम की मालिक कंपनी या प्रसारक सबको एक मुश्किल सवाल पर विचार करने की जरूरत पड़ने लगी है कि अब आईपीएल में उनके लिए आगे क्या है?

उन्होंने आगाह किया कि आने वाला सत्र आईपीएल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसके बाद यदि इसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता तो उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी होने वाली है। भारतीय क्रिकेट टीम की लंबे समय प्रायोजक रही सहारा इंडिया ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] के साथ वित्तीय गठजोड़ तोड़ लिया और उसने आईपीएल की पुणे वेरियर्स टीम के फ्रेंचाईजी स्वामित्व से भी हाथ खींच लिया। मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक [विपणन] शशांक श्रीवास्तव ने कहा, क्रिकेट ज्यादा हो रहा है और दर्शकों की संख्या कम हो रही है। भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा न होने के कारण दर्शक थक रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि आईपीएल मंहगा सौदा है ओर विज्ञापनदाता अब यह सोचने को मजबूर होंगे कि निवेश पर उन्हें उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं हो रहा। एक समय विज्ञापनदाताओं को लगने लगेगा कि आईपीएल अब ज्यादा निवेश करने लायक नहीं है, इससे यही होगा कि विज्ञापनदाता मनोरंजन या समाचार जैसे दूसरे कार्यक्रमों की तरफ रुख करेंगे। जेनिथ आप्टिमीडिया के प्रबंध निदेशक और भागीदार नवीन खेमका ने कहा पिछले सत्रों के मुकाबले विज्ञापनदाताओं की रुचि कम है। पहले आईपीएल के विज्ञापन की बुकिंग छह महीने पहले ही हो जाती थी। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह भारतीय टीम का मौजूदा प्रदर्शन भी हो सकता है। लेकिन कंपनियां जब नए वित्त वर्ष का बजट बनाएंगी तो उनकी नजर और गतिविधियों पर जा सकती है।

सहारा के हाथ खींचने के बारे में खेमका ने कहा आईपीएल के बहुत से खरीदार हैं। ऐसे विवादों से थोड़े समय के लिए इस पर असर हो सकता है लेकिन ब्रांड आईपीएल लंबे समय तक बना रहेगा। ललित मोदी के मुताबिक प्रसारक कंपनी को फायदा होगा क्योंकि आठ ही टीम भाग ले रही हैं जबकि पहले 10 टीम भाग लेने वाली थीं। मोदी ने ट्वीटर पर लिखा अंदाजा लगाइए कोन होगा विजेता। विज्ञापनदाता ज्यादा कीमत देने की तैयारी कर रहे हैं। बैंगलूर की रॉयल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या ने सहारा के आईपीएल से हाथ खींच लेने पर ट्वीट किया, ऐसा लगता है कि सहारा पुणे वेरियर्स के दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से बाहर होने के बाद आईपीएल पांच में केवल आठ टीमें ही होंगी।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.