घमंड से दूर रहना चाहिए: अचल मुनि
जैन संत अचल मुनि ने शुक्रवार को स्कीम नंबर पांच में स्थित जैन स्थानक में श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए घमंड से दूर रहने की प्रेरणा दी।
जींद। जैन संत अचल मुनि ने शुक्रवार को स्कीम नंबर पांच में स्थित जैन स्थानक में श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए घमंड से दूर रहने की प्रेरणा दी। मुनि ने कहा कि धन व शरीर का घमंड करने वाला इंसान कभी सुखी नहीं होता। जो व्यक्ति अपने वतन से अपने माता-पिता व गुरुओं पर गर्व करता है। वह सदैव सुखमय रहता है। जैन संत ने कहा कि आज लोगों में धन का घमंड बढ़ता जा रहा है। धन के घमंड से भाईचारा की नींव खत्म हो रही है और लोगों में बैर-भाव व तनातनी बढ़ रही है, जिससे इंसान पथभ्रष्ट होकर विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इंसान में धन का घमंड न हो तो हालात सामान्य रहते हैं। इसका परिमाण हम अपने बुजुर्गो से जान सकते हैं। हमारे बुजुर्गो के समय में जब लोगों के पास धन नहीं था तो लोगों में किसी प्रकार का घमंड नहीं होता था, जिस कारण लड़ाई-डागड़े भी न के बराबर ही होते थे। आज हमारे समाज ने साइंस के क्षेत्र में भले ही तरक्की की हो, लेकिन एक चीज है जिसमें हम पिछड़ते जा रहे हैं और वह है हमारी सभ्यता। आज कुछ पाखंडी लोग पैसे के लालच में समाज में कुरीतियों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे हमारा वास्तविक वातावरण खराब होता जा रहा है। जैन संत ने कहा कि प्रत्येक श्रोता को इस पर ¨चतन करने की जरूरत है। हमारे समाज को धन की बजाए माता-पिता, स“ो गुरु व वतन पर गर्व करने की जरूरत है, जिससे हमारा जीवन सुखमय हो जाएगा।
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