गंगोत्री के कपाट बंद
गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। उधर यमुनोत्री और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के कपाट आज बृहस्पतिवार को भैयादूज के दिन शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। चमोली जिले में बदरीनाथ के कपाट भी 18 तारीख को बंद किए जाएंगे इसके लिए पूरी तैयारी की गई हैं।
उत्तरकाशी, जागरण कार्यालय। गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। उधर यमुनोत्री और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के कपाट आज बृहस्पतिवार को भैयादूज के दिन शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। चमोली जिले में बदरीनाथ के कपाट भी 18 तारीख को बंद किए जाएंगे इसके लिए पूरी तैयारी की गई हैं।
गंगोत्री में दीपावली के दूसरे दिन बुधवार को सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे तक श्रद्धालुओं ने गंगा की भोगमूर्ति के निर्वाण दर्शन किए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी पाठ किया। 12 बजे मिनट पर गंगा की भोगमूर्ति को गर्भगृह से बाहर निकाला गया और 12 बजकर 15 मिनट पर कपाट बंद किए गए। इस मौके पर पांचवीं गढ़वाल रेजीमेंट के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल दमाऊं की थाप के साथ तीर्थ पूरोहित गंगा के शीतकालीलन प्रवास मुखबा गांव की ओर पैदल रवाना हुए।
उधर यमुनोत्री मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को भैया दूज के दिन दोपहर बाद अनुराधा नक्षत्र में 1.45 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे। समिति के सचिव पं. खिलानंद उनियाल ने बताया है कि मां यमुना के मायके खरसाली गांव से शनिदेव की डोली के साथ श्रद्धालु सुबह आठ बजे यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होंगे और शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके मायके खरसाली गांव में श्रद्धालु कर सकेंगे। रुद्रप्रयाग जिले में ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट बृहस्पतिवार को सुबह लगभग 8.30 बजे शीतकाल के छह माह हेतु कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर समिति व प्रशासन ने मंदिर को भव्य रूप से सजाकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। चमोली जिले में भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्त्रिया शुरू हो गई है। बुधवार को प्रात: भगवान बदरीनारायण के साथ गणेश का अभिषेक किया गया। 18 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
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