प्रकृति, आस्था और उत्साह का संगम
प्रकृति का दिलकश नजारा, आस्था का सैलाब और उत्साह, इन तीनों का मेल देखना हो तो डोडीताल महोत्सव चले आइए।
उत्तरकाशी। प्रकृति का दिलकश नजारा, आस्था का सैलाब और उत्साह, इन तीनों का मेल देखना हो तो डोडीताल महोत्सव चले आइए। महोत्सव में बिखरे विभिन्न संस्कृतियों के रंग न केवल आस पास के ग्रामीणों को बल्कि विभिन्न ट्रैक रूटों पर चहलकदमी कर रहे देशी विदेशी ट्रैकरों को भी बरबस अपनी ओर खींच रहे हैं।
डोडीताल पर्यटन विकास समिति की ओर से आयोजित पर्यटन महोत्सव के अनूठे आयोजन में ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा है। केलसू क्षेत्र के अगोड़ा, गजोली, भंकोली, सेकू, नौगांव, सेकू, दंदालका गांवों सहित हिना और साल्ड गांवों से भी लोग देवडोलियों के साथ महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। हर सुबह डोडीताल के किनारे स्थित मां अन्नपूर्णा और गणेश मंदिर में पूजा अर्चना के बाद श्रीमद्भागवत महापुराण भी समिति की ओर से आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में अब तक लोकगायक ओमबधाणी, महेंद्र चौहान, नवीन कठैत और मुकेश नौटियाल अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं। वहीं रात्रि के समय ग्रामीणों के ढोल दमाऊं की थाप पर देर रात तक परंपरागत रांसो और तांदी नृत्य पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ग्रामीणों के साथ ही देशी विदेशी पर्यटक भी आयोजन में शिरकत कर रहे हैं। समिति के अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह रावत ने बताया कि आगामी पांच मई को महोत्सव का समापन किया जाएगा। इस अवसर पर पं.राधेश्याम खडूड़ी, ग्राम प्रधान अगोड़ा, जसमीला पंवार, सीमा शाह, सबन सिंह, बलबीर सिंह, महावीर पंवार, रणवीर सिंह, उम्मेद सिंह सहित अनेक लोग मौजूद रहे। कंडार की डोली भी हुई शामिल-
बाड़ाहाट क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता की डोली के साथ दर्जनों ग्रामीण पैदल यात्रा करते हुए एक सप्ताह पहले यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। पैदल द्रवा टॉप होते हुए कंडार देवता की डोली भी पर्यटन महोत्सव में शामिल होने पहुंची।
ताल की करेंगे सफाई-
असी गंगा के उद्गम डोडीताल क्षेत्र में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप का असर ताल पर भी दिख रहा है जिसके चलते समिति ने महोत्सव के अंतिम दिन ताल की सफाई का निर्णय भी लिया है। समिति के सचिव दिग्विजय सिंह ने बताया कि ग्रामीण वन विभाग के साथ मिलकर ताल के चारों ओर सफाई अभियान चलाएंगे।
रमणीक देवभूमि- देवभूमि उत्तराखंड में सुरम्य प्रकृति की छांव में सुंदर परंपराएं भी विकसित हुई हैं, डोडीताल (उत्तरकाशी) में आयोजित पर्यटन महोत्सव में स्थानीय आस्था और विश्वास के प्रतीक देवी देवताओं की डोलियों को देखकर यह महसूस किया जा सकता है। यहां अपने आराध्यों की देवडोलियों के साथ बड़ी तादाद में ग्रामीण शिरकत कर रहे हैं।
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