आस्था एवं साहस वाली यात्रा
दक्षिणी कश्मीर के बर्फीले पहाड़ों में बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा स्थित है। आस्था एवं साहस वाली यात्रा के लिए हर वर्ष देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु व साधु भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। पवित्र गुफा समुद्र तल से करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस विशाल प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग के दर्शन कर श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा करीब एक सौ फीट लंबी और 150 फीट चौड़ी है।
दक्षिणी कश्मीर के बर्फीले पहाड़ों में बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा स्थित है। आस्था एवं साहस वाली यात्रा के लिए हर वर्ष देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु व साधु भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। पवित्र गुफा समुद्र तल से करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस विशाल प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग के दर्शन कर श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा करीब एक सौ फीट लंबी और 150 फीट चौड़ी है।
गुफा का वर्णन वेद पुराणों में भी मिलता है। अमरनाथ यात्रा के साथ छड़ी मुबारक भी संबंधित है। दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक पवित्र गुफा तक जाती है। छड़ी मुबारक रक्षा बंधन वाले दिन श्रावण पूर्णिमा के दिन पवित्र गुफा के दर्शन करती है। अमरनाथ यात्रा के दो मार्ग हैं जिसमें पहलगाम व बालटाल मार्ग शामिल है। पहलगाम कश्मीर के अनंतनाग जिला में पड़ता है। पहलगाम लंबा व बालटाल छोटा मार्ग है। पारंपरिक मार्ग पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी करीब 56 किलोमीटर है।
पहलगाम से चंदनवाड़ी तक श्रद्धालु मिनीबस के जरिए 15 किलोमीटर का सफर तय कर सकते हैं। उसके बाद यात्रा शुरू होती है। घोड़ों व पालकी की भी व्यवस्था है। चंदनवाड़ी से दो किलोमीटर दूर पिस्सूटॉप आ जाता है और उसके बाद शेषनाग पहुंचते हैं जहां पर पवित्र झील है। अगला पड़ाव पंजतरणी का है। पंजतरणी में रात्रि विश्राम की व्यवस्था होती है और वहां से श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी छह किलोमीटर है। पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं की यात्रा संपन्न होती है।
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