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नीलकंठ यात्रा के प्रति संबंधी विभाग गहरी नींद में

श्रावण मास में शुरू होने वाली नीलकंठ यात्रा के प्रति संबंधी विभाग अभी गहरी नींद में हैं। इसलिए अब तक इस क्षेत्र में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। पैदल मार्ग पर स्थित झिलमिल गुफा क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है।

By Edited By: Published: Wed, 06 Jun 2012 02:38 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2012 02:38 PM (IST)
नीलकंठ यात्रा के प्रति संबंधी विभाग गहरी नींद में

ऋषिकेश। श्रावण मास में शुरू होने वाली नीलकंठ यात्रा के प्रति संबंधी विभाग अभी गहरी नींद में हैं। इसलिए अब तक इस क्षेत्र में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। पैदल मार्ग पर स्थित झिलमिल गुफा क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है।

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कुंभ 2010 में नीलकंठ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों ने बुनियादी सुविधा जुटाने का दावा किया था। नीलकंठ पैदल मार्ग पर झिलमिल गुफा तक जल संस्थान ने पेयजल लाईन बिछाई थी। मगर दो वर्ष हो गए इस लाईन में पानी नहीं आया। वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते प्राकृतिक स्त्रोत भी सूख गए है। दो वर्षो में विभाग को अपनी ही बिछाई गई पेयजल लाईन की याद नहीं आई। वर्तमान में झिलमिल गुफा क्षेत्र में श्रद्धालु पानी के लिए भटक रहे है। झिलमिल गुफा के स्वामी मुकेश गिरी महाराज ने बताया कि कई मर्तबा विभाग को सूचित कर दिया गया है मगर पानी को लेकर अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की है। चारधाम यात्रा के चलते वर्तमान में सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे है मगर उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस बाबत कार्यवाई की मांग की है। इस मामले में ब्लॉक प्रमुख प्रशांत बड़ोनी ने कहा कि पेयजल को लेकर संबंधित विभाग की लापरवाही से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। तहसीलदर यमकेश्वर आरके पांडे ने बताया कि बुधवार को नीलकंठ में कांवड यात्रा को लेकर विभागीय अधिकारियों की जिलाधिकारी बैठक लेंगे जिसमें इस समस्या को रखा जाएगा।

श्रावण मास में शुरू होने वाली नीलकंठ यात्रा के प्रति संबंधी विभाग अभी गहरी नींद में हैं। इसलिए अब तक इस क्षेत्र में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। पैदल मार्ग पर स्थित झिलमिल गुफा क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है।

कुंभ 2010 में नीलकंठ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों ने बुनियादी सुविधा जुटाने का दावा किया था। नीलकंठ पैदल मार्ग पर झिलमिल गुफा तक जल संस्थान ने पेयजल लाईन बिछाई थी। मगर दो वर्ष हो गए इस लाईन में पानी नहीं आया। वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते प्राकृतिक स्त्रोत भी सूख गए है। दो वर्षो में विभाग को अपनी ही बिछाई गई पेयजल लाईन की याद नहीं आई। वर्तमान में झिलमिल गुफा क्षेत्र में श्रद्धालु पानी के लिए भटक रहे है। झिलमिल गुफा के स्वामी मुकेश गिरी महाराज ने बताया कि कई मर्तबा विभाग को सूचित कर दिया गया है मगर पानी को लेकर अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की है। चारधाम यात्रा के चलते वर्तमान में सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे है मगर उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस बाबत कार्यवाई की मांग की है। इस मामले में ब्लॉक प्रमुख प्रशांत बड़ोनी ने कहा कि पेयजल को लेकर संबंधित विभाग की लापरवाही से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। तहसीलदर यमकेश्वर आरके पांडे ने बताया कि बुधवार को नीलकंठ में कांवड यात्रा को लेकर विभागीय अधिकारियों की जिलाधिकारी बैठक लेंगे जिसमें इस समस्या को रखा जाएगा।

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