श्रुति पंचमी: 1800 साल पहले पढ़ा गया पहला जैन ग्रंथ
दिगंबर जैन समाज द्वारा पूरे देश में शुक्त्रवार को श्रुति पंचमी श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। ग्रंथों का पूजन होगा, शोभायात्रा निकाली जायएगी। इसी दिन पहली बार जैन धर्म ग्रंथ पढ़ा गया था।
आगरा। दिगंबर जैन समाज द्वारा पूरे देश में शुक्त्रवार को श्रुति पंचमी श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। ग्रंथों का पूजन होगा, शोभायात्रा निकाली जायएगी। इसी दिन पहली बार जैन धर्म ग्रंथ पढ़ा गया था।
हमारे देश में जैन संतों और धर्म अनुरागियों की बुद्धि इतनी तीक्ष्ण थी कि वह कोई सूत्र, वाक्य भूलते नहीं थे। लेकिन करीब 1800 वर्ष पूर्व यह महसूस किया कि यह बुद्धि चातुर्य इतना अधिक प्रबल नहीं रह पाएगा। जैन शास्त्री सुनील जैन ने बताया कि इस संबंध में जैन संतों की गिरनार की गुफा में एक विशाल सभा हुई, जिसमें आचार्य धरसेन का सानिध्य प्राप्त हुआ। उनके निर्देशन में जैन धर्म के पहले ग्रंथ जैन षडखंडागम की युवा आचार्यो ने रचना की। जिसे ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी को प्रथम बार पढ़ा गया।
संग्रहालय में हैं 4 हजार ग्रंथ
शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत स्थित जैन साहित्य शोध संस्थान में करीब 4 हजार जैन धर्मग्रंथों का अद्भुत संग्रह है। जिसमें हस्तलिखित ग्रंथ तो सैकड़ों है। जब कागज नहीं बना था तब ताड़ पत्रों पर ग्रंथ लिखे जाते थे। उनमें से कई ग्रंथ यहां हैं। सोने के अक्षरों से लिखित भी कई ग्रंथ संरक्षित हैं।
निकलेगी जिनवाणी की शोभायात्रा
श्रुति पंचमी समारोह गुरुवार से प्रारंभ हो गए। जैन मुनि अरुण सागर महाराज ने धर्म सभा में प्रवचन दिए। स्वरूपचंद जैन जयंती प्रसाद जैन, डॉ.जितेंद्र जैन, विनोद जैन, मनोज जैन ने महाराज को श्रीफल भेंट किया।
शुक्त्रवार को मां जिनवाणी की शोभायात्रा धूलियागंज दिगंबर जैन मंदिर से प्रात: 8 बजे निकाली जाएगी। मीडिया प्रभारी आशीष जैन के अनुसार यह यात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, अहिंसा चौक पर पहुंचेगी। जहां जैन मुनि धर्मनाथ भगवान का निर्वाण महोत्सव मनाया जायेगा। 26 मई को विधान प्रात: 7 बजे और मां जिनवाणी के पालना का कार्यक्त्रम सायं 6 बजे आचार्य शांति सागर सभागार में किया जाएगा।
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