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अशुभ कर्मो का पान कर लेते हैं भगवान

डिफेंस एस्टेट में आयोजित रास उत्सव में मंगलवार को भक्ति की धारा बही। लीला दर्शन, प्रभु चरित्र श्रवण, भजन संकीर्तन, और ब्रज संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन किया गया।

By Edited By: Published: Wed, 23 May 2012 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2012 01:13 PM (IST)
अशुभ कर्मो का पान कर लेते हैं भगवान

आगरा। डिफेंस एस्टेट में आयोजित रास उत्सव में मंगलवार को भक्ति की धारा बही। लीला दर्शन, प्रभु चरित्र श्रवण, भजन संकीर्तन, और ब्रज संस्कृति का अनूठा प्रदर्शन किया गया। प्रात: चैतन्य महाप्रभु लीला में गया धाम तीर्थ यात्रा का प्रसंग मंचित किया गया। चैतन्य महाप्रभु संसार की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए गाते हैं-बहौ जात संसार, दर्द हरि भक्ति बिसार। स्वामी हरिगोविंद महाराज ने स्पष्ट किया कि मधुसूदन भगवान वो हैं जो जीव के शुभ, अशुभ कर्मो का पान कर लेते हैं। उसे बंधन मुक्त कर देते हैं। उन्होंने सुनाया-तू दयालु दीन हों, तू दानी हो भिखारी। सायंकाल तुलसी दास के जीवन चरित पर लीला का मंचन किया गया। अंत में राम दरबार की झांकी प्रदर्शित की गयी, जिसके दर्शन को कतार लगी रही। आरती उतारने वालों में विष्णु दयाल बंसल, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, रवि चौधरी, हरीश सिंघल, चंद्रमोहन, माधव, संजय आदि प्रमुख थे।

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