महा बोधि मामले में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट बिहार के बोधगया के प्रसिद्ध महा बोधि मंदिर मामले की सुनवाई करने को राजी हो गया है। कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि क्या महा बोधि मंदिर समिति का अध्यक्ष कोई हिंदू हो सकता है और क्या समिति में अधिकांश सदस्य हिंदू हो सकते हैं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बिहार के बोधगया के प्रसिद्ध महा बोधि मंदिर मामले की सुनवाई करने को राजी हो गया है। कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि क्या महा बोधि मंदिर समिति का अध्यक्ष कोई हिंदू हो सकता है और क्या समिति में अधिकांश सदस्य हिंदू हो सकते हैं।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और एसएस निज्जर की पीठ ने सोमवार को अटार्नी जनरल जीई वाहनवती से कहा कि वह इस मामले में कोर्ट की मदद करें। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में बोध गया टेंपल एक्ट, 1949 की धारा 3 की वैधता को चुनौती दी गई है। इसके तहत सरकार महा बोधि मंदिर समिति के लिए नौ सदस्यीय पैनल की नियुक्ति करती है। इसका अध्यक्ष हिंदू होता है और समिति के ज्यादातर सदस्य भी हिंदू होते हैं। याचिका में कहा गया है कि दुनिया भर के बौद्धों के लिए सबसे पवित्र माने जाने वाले महा बोधि मंदिर समिति का गठन संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।
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