Move to Jagran APP

महाकुंभ: आकाश बना छत धरती बिछौना

आस्था की इस नगरी में बिखरे हजारों रंग में श्रद्धा-भक्ति रंग रविवार की शाम अत्यंत चटख दिखा। रविवार की सुबह से ही हजारों कदम संगम की ओर बढ़ने लगे थे। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, शाम ढलती गई, श्रद्धालुओं का रेला भी उमड़ता गया। यह क्रम रुका नहीं।

By Edited By: Published: Mon, 25 Feb 2013 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2013 01:00 PM (IST)
महाकुंभ: आकाश बना छत धरती बिछौना

कुंभनगर। आस्था की इस नगरी में बिखरे हजारों रंग में श्रद्धा-भक्ति रंग रविवार की शाम अत्यंत चटख दिखा। रविवार की सुबह से ही हजारों कदम संगम की ओर बढ़ने लगे थे। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया, शाम ढलती गई, श्रद्धालुओं का रेला भी उमड़ता गया। यह क्रम रुका नहीं। देर रात तक जारी रहा। माघी पूर्णिमा पर स्नान से कोई श्रद्धालु वंचित नहीं होना चाहता था। पुण्य कमाने की आस और मानुष जन्म को सार्थक की इच्छा लिए दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं को जब कहीं ठौर नहीं मिला तो सड़कों के किनारे ही डेरा डाल दिए। मेले में यह दृश्य आम था। जहां जिनके ठौर थे, वे वहां पहुंच रहे थे। लेकिन जिनका कोई ठौर नहीं था उन्होंने आकाश को ही छत बनाया और धरती को बिछौना।

loksabha election banner

मेला अधिकारी प्रांगण का भी स्नानार्थियों से भर गया था। गैलरी पहले ही भर चुकी थी। जिसे जगह नहीं मिली, वह खुले आकाश में जमीन पर ही प्लास्टिक बिछा लेट गए। बेदली, गोंडा से आए नेकीराम तिवारी कहते हैं कि हम लोग सात जने आए हैं। कहीं जगह नहीं मिला तो यहीं आकर ठहर गए। कहते हैं कि माघी का महत्व ही यहां खींच लाया। पांच सौ किमी दूर मध्यप्रदेश से आए टीकाराम कहते हैं कि कुछ घंटों की तो बात है। चार बजे से स्नान शुरू हो जाएगा। बांध से आगे बड़े हनुमान के रास्ते भी भक्त कंबल बिछाकर लेट गए। गोरखपुर से आई शीतला देवी बड़े हनुमान मंदिर जाने वाली सड़क के किनारे लेटी थीं। उनके साथ 12 लोग आए हैं। कहती हैं कि 24 घंटे बाद यहां पहुंची हैं। कहीं कोई जगह नहीं मिली तो का करें.। वहीं, दिल्ली से आए कृपा शंकर दुबे अपने पिता को जौनपुर से लेकर आए हैं स्नान कराने। पिता मुन्नीलाल की उम्र 80 और वे चल नहीं सकते। कृपा कहते हैं कि दिल्ली से जौनपुर गए और वहां से यहां लेकर आए हैं। अपनी गाड़ी से आए तो आनंद भवन में रोक दिया। वहां से पिता को चेयर पर लेकर आ रहे हैं। कृपा बताते हैं पिता की इच्छा थी स्नान करने की। सो, उन्हें लेकर आया। पता नहीं, अगला कुंभ पिता देख भी पाएंगे या नहीं।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.