फुहारों के बीच मकर संक्रांति स्नान
दो दिन पडे़ मकर संक्रांत स्नान पर्व के दूसरे दिन भी लोगों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। रिझझिम फुहारों के बीच रविवार को भी करीब पांच लाख और श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।
हरिद्वार, जागरण संवाददाता। दो दिन पडे़ मकर संक्रांत स्नान पर्व के दूसरे दिन भी लोगों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। रिझझिम फुहारों के बीच रविवार को भी करीब पांच लाख और श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।
सूर्य देव ने मकर राशि में 14 जनवरी की मध्यरात्रि 12 बजकर 57 मिनट पर प्रवेश किया। इसलिए मकर संक्रांति स्नान पर्व का योग 14 व 15 जनवरी दो दिन बना और गंगा में दोनों ही दिन स्नान-दान हुआ। इन दोनों दिन करीब दस लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।
सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ स्नान का क्रम दिन भर चला। गंगा मैया के जयकारों और सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाकर स्नानार्थियों ने पुण्य की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने खिचड़ी, तिल, कंबल आदि का दान किया। दोपहर के बाद इंद्रदेव भी इस स्नान पर्व के साक्षी बने। करीब डेढ़ बजे के आसपास धर्मनगरी में हल्की-हल्की बूंदाबांदी हुई। गंगासागर महास्नान संपन्न
सागरद्वीप, [अरविंद दुबे]। इस वर्ष गंगासागर का महापुण्य स्नान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। 14 और 15 जनवरी यानि दो दिनों के पुण्य स्नान में करीब 5 लाख से अधिक लोग स्नान कर पुण्य के भागी बने। स्नान के बाद देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों ने यहां से अपने घरों की तरफ रूख कर लिया। सागर तट पर अभी भी काफी संख्या में खोए हुए लोग अपने परिजनों को तलाश कर रहे हैं। उनके बारे में लगातार माइक से घोषणा की जा रही है। बजरंग परिषद के मेला संयोजक प्रेमनाथ दुबे ने बताया कि मेले में भटके लोगों को मिलवाने की कोशिश जारी है। दूसरी तरफ इस्कान के पुजारी रमेश दास ने बताया कि आज के बाद हमारा सेवा शिविर भी समाप्त हो जाएगा। इस बीच मेला परिसर से कल रात और आज दोपहर करीब 20 से ज्यादा पाकेटमारों की गिरफ्तारी हुई है। जिला के डीएम नारायण स्वरूप निगम ने बताया कि इस वर्ष मेले में पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इस वर्ष भाजपा नेता उमा भारती, सांसद यशवंत सिंह, महंत ज्ञान दास अनेक नागा साधु-संन्यासियों ने भी स्नान किया। उमा भारती ने तो आज सुबह ही सागर तट के दो नंबर घाट पर अपने शिष्यों के साथ स्नान किया।
मालूम हो कि उमा भारती गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए समग्र गंगा अभियान के तहत देश भर में भ्रमण कर रही हैं। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के सेवा शिविर में करीब एक घंटे तक संबोधित किया। शिविर के संयोजक सत्यनारायण मोरिजावाला व शिविर प्रमुख शंकर लाल मोदी ने बताया कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस वर्ष पश्चिम बंगाल के पांच मंत्री भी मेले की निगरानी के लिए पड़ाव डाले रहे। इन मंत्रियों में सुब्रत मुखर्जी, रक्षपाल सिंह, श्यामलाल मंडल हैदर अली रुकवी आदि प्रमुख रहे। तृणमूल के केंद्रीय मंत्री चौधरी मोहन जटुआ भी सक्रिय दिखे।
गंगासागर में स्नान के दौरान इस वर्ष पंडों की चांदी रही। कई नागा साधुओं ने तीर्थयात्रियों को लूटा। कपिल मुनि मंदिर के आस पास फल-फूल बेचने वालों ने अच्छी आमदनी की। मेले का बजट इस बार 38 करोड़ रुपये था। मेले के चप्पे -चप्पे पर 6000 पुलिस जवान तैयार किए गए थे। सर्किट टीवी व वाच टावरों से मेले की निगरानी भी की गई। ओवर क्राफ्ट जहाज भी तैनात थे। महंत ज्ञानदास ने बताया कि इस वर्ष के गंगासागर मेले में काफी परिवर्तन देखा गया। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने भी गंगासागर मेले में तीर्थ कर समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की। राज्य के पंचायत व पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनियरिंग मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि अगले साल से गंगासागर मेले में और ज्यादा परिवर्तन करने की कोशिश की जाएगी। यही बात स्थानीय तृणमूल विधायक बंकिम हाजरा ने भी कही। केंद्रीय मंत्री चौधरी मोहन जटुआ ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास से गंगासागर मेला बहुत बेहतर हो गया है। अगले साल यह मेला और ज्यादा अच्छा बनाने की हमारी कोशिश रहेगी।
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