गंगा अभियान: पीएम के दूत ने मांगी मोहलत
गंगा की अविरलता को लेकर चल रहा आंदोलन अब सकारात्मक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है।
वाराणसी। गंगा की अविरलता को लेकर चल रहा आंदोलन अब सकारात्मक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। दिल्ली में प्रवास कर रहे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को प्रधानमंत्री के निर्देश पर मनाने पहुंचे पीएमओ में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी से सफदरजंग एनक्लेब में तकरीबन 35 मिनट तक सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई लेकिन सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट घोषणा न होने से शंकराचार्य ने 18 जून के दिल्ली कूच का निर्णय वापस लेने से इनकार कर दिया। कहा, गंगा के मुद्दे पर अब कोई निर्णय उनके द्वारा नहीं बल्कि 18 जून को जंतर-मंतर पर होने वाले गंगा मुक्ति महासंग्राम में संतों-महंतों के बीच किया जाएगा।
शनिवार को अपराह्न चार बजे सरकार की तरफ से गंगा की अविरलता के मुद्दे पर चर्चा की गई। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि गंगा की अविरलता-निर्मलता जरूरी है लेकिन जो पत्र लेकर नारायणस्वामी पहुंचे थे, उसके कुछ बिंदुओं पर संतों की तरफ से असहमति व्यक्त की गई। नारायणसामी ने उन बिंदुओं पर सफाई पेश की और अभियानम की मांगों पर विचार के लिए तीन महीने का समय मांगा। वार्ता के दौरान मौजूद गंगा मुक्ति महासंग्राम के राष्ट्रीय संयोजक और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने बताया कि गंगा मुक्ति का अभियान सरकार की नीति स्पष्ट होने तक जारी रहेगा।
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