मंदिरों में माता की हुई पूजा
नवरात्र के तीसरे दिन देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दुर्गामाता के तीसरे स्वरूप चंद्रघण्टा की पूजा अर्चना की गई। मैया के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मंदिरों में बृहस्पतिवार को चंद्रघंटा की पूजा होगी।
पानीपत। नवरात्र के तीसरे दिन देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दुर्गामाता के तीसरे स्वरूप चंद्रघण्टा की पूजा अर्चना की गई। मैया के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मंदिरों में बृहस्पतिवार को चंद्रघंटा की पूजा होगी।
प्राचीन देवी मंदिर सहित शहर के सनातन धर्म शिव मंदिर, कांशीगिरी मंदिर, गीता मंदिर, अवधधाम मंदिर व गंगाधाम मंदिर में भक्तों ने दुर्गामाता के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा अर्चना की। देवी मंदिर में तड़के 4 बजे से ही भक्त मैया के दर्शन के लिए पहुंचने लगें। मंदिर परिसर में सुबह 8 बजे तक भक्तों की लंबी कतार लग गई। घंटे के ध्वनि व मां शेरावाली के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मंदिर में सायंकालीन आरती में शामिल होने के लिए सैकड़ों भक्त उमड़ पड़े।
देवी मंदिर के पुजारी लालमणी पांडेय ने बताया मन, वचन व कर्म की सात्विकता को जो धारण करता है वही व्यक्ति भक्ति को प्राप्त करता है।
सती चरित्र का किया बखान-
पानीपत- न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में नवरात्र के अवसर पर रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। स्वामी प्रीतमानंद ने कथा के दूसरे दिन भक्तों को सती चरित्र का प्रसंग सुनाया।
रामकथा के प्रात:कालीन सत्र में जनता के कल्याण के लिए हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मंडप में 33 करोड देवी देवताओं का पूजन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार से हवन में आहूति डाली गई। स्वामी प्रीतमानंद ने रामकथा सुना कर भक्तों का मनमोह लिया। सभा के अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिदिन सवा लाख ज्योत से मां जगदंबा की आरती होगी। कथा की समाप्ति पर प्रसाद वितरित किया गया।
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