महाकुंभ में क्या करें क्या ना करें
वह स्थल जहां गंगा जी का धवल तथा उज्वल जल यमुना के श्यामवर्णी जल से मिलता है, संगम स्थल कहा जाता है। भारत की हृदयस्थली सोम वरण व प्रजापति ब्रह्मा की तपोभूमि, ऋषियों- मुनियों की यज्ञ स्थली इलाहाबाद में गंगा-यमुना व पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम तट पर इस वर्ष [2013] लगने वाले विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।
नई दिल्ली [प्रीति झा]। वह स्थल जहां गंगा जी का धवल तथा उज्वल जल यमुना के श्यामवर्णी जल से मिलता है, संगम स्थल कहा जाता है। भारत की हृदयस्थली सोम वरण व प्रजापति ब्रह्मा की तपोभूमि, ऋषियों- मुनियों की यज्ञ स्थली इलाहाबाद में गंगा-यमुना व पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम तट पर इस वर्ष [2013] लगने वाले विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।
कल्पवासी डेढ़ माह तक यहां तम्बुओं में डेरा डाल एक समय भोजन कर गंगा मां की पूजा करते हैं। इस मेले का स्नान पर्व पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी एवं माघी पूर्णिमा है जिसमें स्नान के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। इस आपार भीड़ को व्यवस्थित रखने व किसी को कोई परेशानी ना हो इस वजह से कई चीजें यहां वर्जित हैं। जैसे-
प्रमुख स्नान पर्वो पर नो इंट्री-
प्रमुख स्नान पर्वो के दौरान वीवीआइपी वाहनों की भी मेला क्षेत्र में नो एंट्री रहेगी। सभी श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में पैदल ही प्रवेश करना होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से दिसंबर में ही निर्देश जारी कर दिया गया है।
कुंभ में सही कपड़े पहने लड़कियां-
ऐसे समय, जबकि देश भर में बहस छिड़ी है, घर से निकलें तो तन ढंका हो, यानी कैसे कपड़े पहने जाएं, खासकर लड़कियों के संदर्भ में। ऐसे में कुंभ मेला प्रशासन ने भी अपनी सलाह दी है। इसमें कहा गया है, धार्मिक पर्व को ध्यान में रखते हुए वस्त्र धारण करें। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि धार्मिक पर्व के ड्रेस कोड में कौन-कौन से वस्त्र आएंगे। विभिन्न स्नान पर्वो के हिसाब से कौन से वस्त्र पहनने होंगे। मेला प्रशासन की इस सलाह के दायरे में देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही विदेशी भक्त भी होंगे, जो कुंभ पर्व के आकर्षण में बड़ी संख्या में यहां खिंचे चले आते हैं। यह सलाह कुंभ मेला प्रशासन की वेबसाइट पर भी डाली गई है।
कुंभ मेले में भटकने वाले दिखेंगे स्क्रीन पर- महाकुंभ मेले में इस बार रास्ता भटकने वाले अपनों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। मेला क्षेत्र में एलईडी स्क्रीन पर ऐसे लोगों को दिखाया जाएगा।
कुंभ मेला में मिलने वाली सुविधाएं- मेला क्षेत्र में एक हजार मोबाइल शौचालयों की भी व्यवस्था रहेगी। इस बार श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार कुछ अभिनव व्यवस्थाएं कर रही है। जन सुविधा से संबंधित सूचनाएं व जनहित से संबंधित सरकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
मेला क्षेत्र को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पॉलीथीन के कैरी बैग पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही गंगा नदी के दोनों तटों के चुनिन्दा स्थलों पर एक हजार गैर परम्परागत मोबाइल शौचालय होंगे। मेले में आने वालों को आसानी से आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराने के लिए सेक्टर मार्केट की व्यवस्था की जा रही है। मुख्य मार्गो व मेला क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक वैरियेबुल मैसेज साइन बोर्ड लगाए जाएंगे तथा प्रमुख संस्थानों के को मानचित्र पर प्रदर्शित किया जाएगा। मेले के दौरान आवंटित सभी सुविधाएं आनलाइन होंगी तथा मेला क्षेत्र की बसावट को जीपीएस तकनीक से जोड़ा जाएगा। इलाहाबाद आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो के चयनित स्थलों पर एंबुलेंस व क्रेन की सुविधा भी रहेगी।
गुटखा सिगरेट आदि नशा के वस्तु प्रतिबंधित-
इस बार गुटखा, सिगरेट या नशा की किसी भी वस्तु को इस बार पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। किसी भी दुकानदार को इन चीजों के लाइसेंस आवंटन किये ही नहीं गए हैं।
इसके अलावा कुंभ में क्या करें और क्या ना करें भी हर बार की तरह इस बार भी बताया गया है।
ऐसा न करें
पावन गंगा नदी में डिटजर्ेंट व साबुन के उपयोग से बचें।
मेला प्रांगण में जली हुई सिगरेट या आग जलती हुई न छोड़ें।
मेला प्रांगण में मदिरा, अन्य वस्तुएं व मांसाहारी खाने वाली चीजों को सेवन न करें।
स्थानीय बच्चों को खाने की चीजें या मिठाईयां देकर न ललचाएं।
ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए म्यूजिक सिस्टम की आवाज धीमी रखें।
भिखारियों को बढ़ावा न दें।
ऐसा करें-
मेला प्राधिकरण द्वारा नियम व शतरें का पालन करें।
पॉलिथीन व प्लास्टिक का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं।
कूड़ा-कचरा को कूड़ेदान में ही डालें।
पवित्र स्थलों पर सफाई का ध्यान रखें।
फोटो लेते समय स्थानीय संस्कृति, परम्परा व गोपनीयता का ध्यान रखें।
अगर कोई अनाधिकृत वस्तु/ सामान पायें तो तुरंत निकटतम पुलिस चैक पोस्ट पर संपर्क करें।
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