भाव के भूखे हैं भगवान
अजमेर से पधारे संत चक्रधर जी महाराज का कहना है कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं। उन्हें भक्त से और कुछ नहीं चाहिए।
अलीगढ़। अजमेर से पधारे संत चक्रधर जी महाराज का कहना है कि भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं। उन्हें भक्त से और कुछ नहीं चाहिए।
यहां राधा-गौर मंदिर में संत बंगाली बाबा की याद में कार्यक्रम चल रहा है। सोमवार की शाम प्रवचन में महाराज जी ने कहा कि भक्त भाव से भगवान को जो कुछ भी अर्पण करता है, भगवान उसे सौ गुना करके वापस करते हैं।
चक्रधरजी महाराज ने कहा कि कभी गुरु से कपट और मित्र से चोरी नहीं करनी चाहिए। सुदामा ने अपने सखा कृष्ण के हिस्से का चबैना चुरा कर खा लिया तो विद्वान होते हुए भी उन्हें दरिद्रता का जीवन व्यतीत करना पड़ा। जब सुदामा ने भाव से द्वारकानाथ को एक मुट्ठी चावल भेंट किया तो कृष्ण ने उन्हें सुदामापुरी दे दी। महाराजजी ने गुरु के महत्व को बताते हुए कहा कि गुरु अंधकार को मिटा कर प्रकाश की ओर ले जाता है। सच्चा गुरु वही है, जो अपने शिष्य को अंगुली पकड़ कर सही राह दिखाए। संत चक्रधरजी के सानिध्य में गांधी नगर स्थित श्री बद्री विशाल के यहां संकीर्तन एवं भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
इस मौके पर श्री ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि बुधवार को सुबह 7 बजे से अचलताल स्थित राधा-गोविन्द मंदिर से संकीर्तन यात्रा निकाली जाएगी जो हाथरस अड्डा, सराय मानसिंह, जयगंज खाईडोरा, हलवाई खाना होते हुए शाहपाड़ा स्थित श्री राधेश्याम जी वालों के यहां पहुंचेगी। वहां प्रवचन एवं संकीर्तन होगा।
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