विशालाक्षी मंदिर में कालयोग पूजा
भगवती विशालाक्षी गौरी के मीरघाट स्थित मंदिर में कुंभाभिषेक के दूसरे दिन कालयोग पूजा अनुष्ठान शुरू किया गया। अपराह्न चार बजे आचार्यो ने घट स्थापन कर इसका शुभारंभ किया। इसके साथ ही सस्वर मंत्रों से मंदिर परिसर गूंज उठा। रात आठ बजे पूर्णाहुति होम में श्रद्धालुओं ने आहुति दी। साथ ही दीप आराधना की गई।
वाराणसी। भगवती विशालाक्षी गौरी के मीरघाट स्थित मंदिर में कुंभाभिषेक के दूसरे दिन कालयोग पूजा अनुष्ठान शुरू किया गया। अपराह्न चार बजे आचार्यो ने घट स्थापन कर इसका शुभारंभ किया। इसके साथ ही सस्वर मंत्रों से मंदिर परिसर गूंज उठा। रात आठ बजे पूर्णाहुति होम में श्रद्धालुओं ने आहुति दी। साथ ही दीप आराधना की गई।
नाटकोटि नगर क्षेत्रम के संयोजन और सर्व साधक विकास रत्ना व डॉ. के पिच्चई शिवाचार्य के आचार्यत्व में गोमती शंकर शास्त्री, गणेश गुरकल व अरुणांचल शास्त्री ने अनुष्ठान कराए। महंत शरद नाथ तिवारी ने बताया कि मंगलवार को सुबह व शाम कालयोग पूजा की जाएगी। बुधवार को कलश पूजन के बाद चतुर्थ कालयोग पूजा होगी। कुंभाभिषेक का मुख्य आयोजन प्रात: 9.28 से 10.15 बजे तक होगा।
उत्सव में शामिल होने के लिए दक्षिण भारत से श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। मंदिर की साज सज्जा का भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। उधर, शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के आने का कार्यक्रम अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। इसकी सूचना मंदिर प्रबंधन को सोमवार की सुबह पीठ प्रतिनिधि की ओर से दी गई।
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