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वैदिक-सनातन धर्म उन्नायक की जय-जयकार

5 साल की उम्र में यज्ञोपवीत धारण करने के बाद मात्र 3 साल में सम्पूर्ण वेद उपनिषद्, न्यायशास्त्र, मीमांसा का अध्ययन कर 8 साल की अल्प आयु में संन्यास लेने वाले वैदिक सनातन धर्म के उन्नायक भगवान आद्य शंकराचार्य की गुरुवार को कान्हा के धाम में खूब जय-जयकार हुई।

By Edited By: Published: Fri, 27 Apr 2012 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2012 01:16 PM (IST)
वैदिक-सनातन धर्म उन्नायक की जय-जयकार

वृंदावन। 5 साल की उम्र में यज्ञोपवीत धारण करने के बाद मात्र 3 साल में सम्पूर्ण वेद उपनिषद्, न्यायशास्त्र, मीमांसा का अध्ययन कर 8 साल की अल्प आयु में संन्यास लेने वाले वैदिक सनातन धर्म के उन्नायक भगवान आद्य शंकराचार्य की गुरुवार को कान्हा के धाम में खूब जय-जयकार हुई।

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संन्यासियों, वैरागियों, वैष्णव संतों एवं ब्रजवासियों ने मोहक झांकियों संग भगवान की यात्रा निकाली। विरक्त संन्यासी परिषद ने आद्य शंकराचार्य भगवान का मंत्रोच्चारण के बीच अभिषेक, पूजन गोपेश्वर महादेव मंदिर में कर शोभायात्रा का आरंभ किया। शंकराचार्य की नगर के विभिन्न मार्गो से निकली यात्रा में 51 मंगल कलश धारिणी महिलाएं व 101 एकल विद्यालय कार्यकर्ता चल रहे थे।

16 वर्ष की उम्र से शुरू कर 32 में सम्पूर्ण भारत देश की यात्रा करने वाले शंकराचार्य की वंदना करते संतों ने कहा कि भगवान ने यहां तक एलान किया कि शंख की ध्वनि में बहुत शक्ति है। उन्होंने ब्रह्मा सत्य जगत मिथ्या का संपादन एवं अद्वैतवाद का दर्शन मानव कल्याण हेतु दिया। स्वामी रामदेवानंद सरस्वती ने कहा कि वैदिक सनातन धर्म का लोप होने वाले काल में ब्राह्माण परिवार में शंकराचार्य का प्रादुर्भाव हुआ। स्वामी चित्प्रकाशानंद, स्वामी रामदेवानंद, स्वामी रमेशानंद गिरि, स्वामी नारायणानंद, महंत फूलडोल विहारी दास, विद्यानंद गिरि, स्वामी आदित्यानंद, स्वामी सुरेशानंद, महंत विजय गिरि की अगुवाई में निकली यात्रा का बसेरा होटल में समापन हुआ। संत-भक्त सम्मेलन में वक्ताओं ने आद्य शंकराचार्य के बताये मार्ग पर चलने, उनके आचरणों को जीवन में उतारने तथा मानव मात्र का कल्याण, गौ-संत सेवा निरंतर करने की शिक्षा दी। सम्मेलन में स्वामी महेशानंद गिरि, महंत लोकेशानंद सरस्वती, स्वामी परमात्मानंद, स्वामी रामश्रेष्ठ दास, स्वामी विवेकानंद, स्वामी गोविंदानंद तीर्थ, स्वामी महेशानंद सहित सैकड़ों संत-भक्त उपस्थित थे।

भगवान संग संतों के स्वागत की लगी होड़। सैकड़ों ब्रजवासियों ने भगवान की छवि की आरती उतारी, संतों का सम्मान किया।

सम्मेलन से लौटे तीर्थ पुरोहित-

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित पण्डा सभा के राष्ट्रीय अधिवेशन में तीर्थ मंत्रालय की स्थापना तथा गंगा-यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने की आवाज उठाकर श्री ब्रजवासी तीर्थ पुरोहित सभा की स्थानीय इकाई के प्रतिनिधि श्रीधाम लौट आये।

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