गंगा अभियान: तपस्या के लिए कई कतार में
अविरल-निर्मल गंगा के लिए हर दिन शंकराचार्य घाट पर बड़ी संख्या में गंगा सेवियों के दस्तक देने का क्त्रम जारी है। मंगलवार को भी कई गंगा भक्त आंदोलन में शिरकत करने गंगा तट पर पहुंचे और अपने-अपने स्तर से अभियान को सशक्त बनाने की दिशा में पहल की।
वाराणसी। अविरल-निर्मल गंगा के लिए हर दिन शंकराचार्य घाट पर बड़ी संख्या में गंगा सेवियों के दस्तक देने का क्त्रम जारी है। मंगलवार को भी कई गंगा भक्त आंदोलन में शिरकत करने गंगा तट पर पहुंचे और अपने-अपने स्तर से अभियान को सशक्त बनाने की दिशा में पहल की।
उधर मां गंगा की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गंगा तपस्या का आसन संभाले बैठे श्रीयोगेश्वरानन्द की जलत्याग तपस्या मंगलवार की शाम छह बजे 184 घंटे पूरे हो गए। 21 मई की रात एक बजे से जलत्याग तपस्या पर बैठे श्रीयोगेश्वरानंद भले ही थोड़ी परेशानी महसूस कर रहे हैं किंतु माता गंगा की अविरलता के आगे इन परेशानियों को तुच्छ मानकर वह तपस्या जारी रखने के प्रति तटस्थ हैं। तपस्या के समय उनका अधिकाधिक समय जप में व्यतीत हो रहा है। तपस्वी ने पुन: दोहराया कि माता गंगा की अविरलता-निर्मलता से कम कुछ भी संत समाज को मान्य नहीं है। ऊर्जा प्राप्ति के लिए माता गंगा के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। माता गंगा भारत की पहचान है। देशवासियों की जरूरत की आड़ में देश को ही बेंच देना किसी भी दृष्टि से उचित कदम नहीं है।
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