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महाकुंभ: स्नान किया और ले गए पर्यावरण का प्रसाद

कुंभ में स्नान करने आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पर्यावरण का प्रसाद यहां से ले गए हैं। ऐसा प्रसाद जो उन्हें हमेशा इस कुंभ की याद दिलाएगा। इससे पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही, हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी। उद्यान विभाग ने निश्शुल्क हजारों पौधे वितरित किए तो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने खुद नर्सरी से पौधे खरीदे हैं।

By Edited By: Published: Mon, 25 Feb 2013 03:52 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2013 03:52 PM (IST)
महाकुंभ: स्नान किया और ले गए पर्यावरण का प्रसाद

इलाहाबाद [राजेंद्र यादव]। कुंभ में स्नान करने आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पर्यावरण का प्रसाद यहां से ले गए हैं। ऐसा प्रसाद जो उन्हें हमेशा इस कुंभ की याद दिलाएगा। इससे पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही, हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी। उद्यान विभाग ने निश्शुल्क हजारों पौधे वितरित किए तो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने खुद नर्सरी से पौधे खरीदे हैं।

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कुंभ में आए श्रद्धालु घर लौटते समय यहां से अमरूद, आम, गुलाब, गेंदा, तुलसी आदि के पौधे ले गए हैं। इसमें सबसे अधिक तुलसी के पौधे श्रद्धालुओं ने नर्सरी से खरीदे हैं। झारखंड के निहोरी लाल ने तुलसी का पौधा खरीदा। उनका कहना है कि वह इसे प्रयाग की तुलसी का नाम देंगे। प्रतिदिन इसमें जल चढ़ाएंगे, जिससे प्रयाग के महाकुंभ की याद ताजा रहे। मप्र के रतलाम निवासी जगुआ, सिहोर चंद्र ने अमरूद और आम का पेड़ नर्सरी से खरीदा। इनका कहना है कि उन्होंने पहली बार संगम में डुबकी लगाई है। महाकुंभ की हमेशा याद बनी रहे, इसलिए उन्होंने यह पौधे खरीदे हैं। पौधों का नाम भी वह प्रयाग रखेंगे। इससे हरियाली रहेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। आसपास के लोगों व नाते-रिश्तेदारों को वह इस हरियाली का संदेश देंगे। उधर, हरित कुंभ के तहत जिला उद्यान विभाग द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र के काली मार्ग पर लगाए गए शिविर में मकर संक्त्रांति से अब तक तीन हजार से अधिक अमरूद के पौधे श्रद्धालुओं के बीच वितरित किए हैं। इसमें लाल और सफेदा प्रजाति के अमरूद के पौधे शामिल हैं। इसके अलावा लौकी, भिंडी, करेला, परवल, बैगन आदि के बीजों को दस-दस ग्राम के पैकेट में श्रद्धालुओं को निश्शुल्क दिए गए हैं। अखाड़ों में भी जाकर विभागीय अधिकारियों ने अमरूद के पौधे व सब्जियों के बीजों का वितरण किया है। जिला उद्यान अधिकारी डा. पंकज शुक्ला का कहना है कि पर्यावरण के साथ ही लोग अपनी सेहत पर भी ध्यान दें, इसलिए फल और सब्जियों के बीज व पौधों का वितरण किया गया है।

प्रदर्शनी और प्रशिक्षण भी

काली मार्ग पर लगाए गए जिला उद्यान विभाग के शिविर में पर्यावरण को लेकर प्रदर्शनी भी लगाई गई है। लोगों को पर्यावरण बचाने को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। हरियाली कितनी जरूरी है और इससे क्या-क्या लाभ होंगे, बड़ी बारीकी से लागों को समझाया जा रहा है।

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