गंगा को बचाने का लिया संकल्प
लौकिक और पारलौकिक जीवन की एकमात्र उद्धारक गंगा नदी मानव की गलती से संकट के कगार पर है। लगातार कल-कारखानों से निकलने वाले जहरीले पदार्थ एवं प्रदूषित जल गंगा को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इलाहाबाद। लौकिक और पारलौकिक जीवन की एकमात्र उद्धारक गंगा नदी मानव की गलती से संकट के कगार पर है। लगातार कल-कारखानों से निकलने वाले जहरीले पदार्थ एवं प्रदूषित जल गंगा को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसे बचाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना होगा। यह विचार श्रीकान्यकुब्ज ब्राहृमण सभा के अध्यक्ष गिरिजाशंकर मिश्र ने गंगा प्रदूषण पर आयोजित गोष्ठी में गुरुवार को व्यक्त किया। डॉ. ईश्र्र्वरचंद्र शुक्ल ने कहा कि हानिकारक रासायनिक पदार्थो के गंगा में मिलने से काफी हानि हो रही है। संरक्षक शैलेंद्र अवस्थी ने गंगा नदी की देखभाल व सफाई के लिए पूर्णकालिक आयोग बनाने की वकालत की। गोष्ठी में देवेंद्रनाथ तिवारी, कृष्णचंद्र त्रिवेदी, डॉ. प्रमोद शुक्ल, राजाराम शुक्ल, सोनेलाल दीक्षित, सुधीर द्विवेदी आदि शामिल रहे।
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