बाबा जयगुरुदेव: ताजपोशी को बदली चाल
बाबा जय गुरुदेव की संस्था के कायदे-कानून एक निर्धारित ताजपोशी के लिए धरे रह गए। विरोधी गुट के उमाशंकर तिवारी का नाम बुधवार को अचानक आगे बढ़ने के बाद आनन-फानन में पंकज यादव को ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
मथुरा। बाबा जय गुरुदेव की संस्था के कायदे-कानून एक निर्धारित ताजपोशी के लिए धरे रह गए। विरोधी गुट के उमाशंकर तिवारी का नाम बुधवार को अचानक आगे बढ़ने के बाद आनन-फानन में पंकज यादव को ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। देर रात खेले गए दांव से विरोध के रोड़े स्वत: ही किनारे हो गये। जय गुरुदेव ट्रस्ट का वारिस घोषित करने के अगले दिन गुरुवार को आश्रम का माहौल शांत रहा। हर कोई कयास लगाता रहा, जबकि काबिज पक्ष आगे की रणनीति बनाने में जुटा रहा। गुरुवार को आश्रम में कई असरदार अनुयाइयों का कहना था कि अभी पंकज कुमार को वारिस नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह प्रबंध समिति का फैसला नहीं है। वह फैसला लेगी तभी तय होगा। समिति की बैठक कब होगी, यह कोई नहीं जानता। संस्था प्रबंधक संतराम चौधरी ने बताया था कि ट्रस्ट के नियमानुसार, बाबा के महाप्रयाण के बाद रिक्त हुये अध्यक्ष पद के लिए ट्रस्ट की बैठक होगी। बुधवार को संस्था की आधिकारिक विज्ञप्ति में भी बैठक आने वाले दिनों में होने की जानकारी दी गई थी।
सवालों के घेरे में पत्र
पंकज कुमार को जयगुरुदेव का वारिस बताने वाला पत्र एक शपथ पत्र है। इसमें आधा टाइप किया हुआ, आधा हस्त लिखित है। जो हस्त लिखित भाग है, उसी में ट्रस्ट का एकमात्र उत्तराधिकारी पंकज पुत्र चरन सिंह को बताया गया है। सूत्रों के अनुसार आश्रम में ही इस पत्र पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पत्र में न्यायालय सिविल जज, जूनियर डिवीजन इटावा के यहां वाद संख्या 40 सन् 2010 के बाबा जय गुरुदेव बनाम चरन सिंह के मुकदमे का भी हवाला है।
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