फलासी में तुंगनाथ की बन्याथ यात्रा शुरू
चोपता-फलासी में 24 वर्ष बाद भगवान तुंगनाथ की नौ दिवसीय ऐतिहासिक बन्याथ यात्रा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुई। तल्लानागपुर क्षेत्र के फलासी में भगवान तुंगनाथ की तपस्थली है। जहां शिव-शक्ति की पूजा होती है।
रुद्रप्रयाग, जागरण संवाददाता। चोपता-फलासी में 24 वर्ष बाद भगवान तुंगनाथ की नौ दिवसीय ऐतिहासिक बन्याथ यात्रा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुई। तल्लानागपुर क्षेत्र के फलासी में भगवान तुंगनाथ की तपस्थली है। जहां शिव-शक्ति की पूजा होती है।
24 वर्ष बाद फलासी में पंचकोटी गांवों के हक-हकूकधारी, ब्राह्मण एवं आचार्यो की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ बन्याथ शुरू हो गई है। हवन में प्रतिदिन करोड़ों देवी-देवताओं को जौ, तिल, अक्षत, पुष्प की आहुतियां दी जा रही हैं, जिससे क्षेत्र में खुशहाली व समृद्धि बनी रहे। इससे पूर्व भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने उत्तर, पूरब, पश्चिम एवं दक्षिण की चार चरणों की यात्रा संपन्न की और अपनी ध्याणियों एवं श्रद्धालुओं को दर्शन देकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। इसके बाद भगवान की डोली ने पुन: घर दिवारा यात्रा भी शुरू की थी। इस आयोजन को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
तुंगनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद रावत ने बताया कि 12 फरवरी को भव्य जल कलश यात्रा एवं 13 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ बन्याथ का समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से बन्याथ में उपस्थित होकर पुण्य अर्जित करने की अपील की है। इस अवसर पर यज्ञपति मानवेंद्र बत्र्वाल, मंदिर के पुजारी विश्वेश्वर भट्ट, त्रिलोचन भट्ट समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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