Move to Jagran APP

ऋषि-मुनियों के मार्ग को आत्मसात करने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि विश्व शान्ति, बन्धुत्व एवं मानव कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति की सदियों पुरानी परम्परा और ऋषि मुनियों द्वारा बताये गये मार्ग को आत्मसात करना वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। गहलोत ने रविवार को नई दिल्ली के कटवारिया सराय में कुंदकुंद भारती जाकर जैन

By Edited By: Published: Mon, 25 Jun 2012 10:48 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2012 10:48 AM (IST)
ऋषि-मुनियों के मार्ग को आत्मसात करने की आवश्यकता

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि विश्व शान्ति, बन्धुत्व एवं मानव कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति की सदियों पुरानी परम्परा और ऋषि मुनियों द्वारा बताये गये मार्ग को आत्मसात करना वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

loksabha election banner

गहलोत ने रविवार को नई दिल्ली के कटवारिया सराय में कुंदकुंद भारती जाकर जैन मुनि विधानन्द जी महाराज के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस मौके पर जैन मुनि उपाध्याय प्रज्ञ सागर महाराज और बड़ी संख्या में जैन धर्मावलम्बी भी मौजूद थे।

जैन मुनि विधानन्द सागर ने मुख्यमंत्री को स्मृतिचिन्ह, प्रसाद और एक तस्वीर भेंट की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सामाजिक सद्भाव एवं भाईचारा की भावना को बढ़ावा मिलने से राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को अक्षुण बनाये रखने के साथ ही देश को मजबूती से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया जा सकता है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.