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श्रद्धा, समर्पण और संकल्प का संगम

संकटहर्ता, दु:ख भंजन, केसरी नंदन, विघ्न विनाशक, पवन सुत, श्रीराम भक्त, सूर्य पुत्र, बजरंगी.. हनुमान..। न जाने कितने नामों से पुकारते हैं रुद्र स्वरूप हनुमान के भक्त उन्हें? कोई उन्हें लड्डू चढ़ाता है तो कोई सिंदूर लगाकर श्रद्धा अर्पित करता है। सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाले श्रीराम भक्त हनुमान पर भक्तों की अटूट श्रद्धा रहती है। इसी श्रद्धा के चलते दो भक्तों ने अपने घर को हनुमान संग्रहालय बना दिया है।

By Edited By: Published: Mon, 07 May 2012 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2012 04:18 PM (IST)
श्रद्धा, समर्पण और संकल्प का संगम

लखनऊ। संकटहर्ता, दु:ख भंजन, केसरी नंदन, विघ्न विनाशक, पवन सुत, श्रीराम भक्त, सूर्य पुत्र, बजरंगी.. हनुमान..। न जाने कितने नामों से पुकारते हैं रुद्र स्वरूप हनुमान के भक्त उन्हें? कोई उन्हें लड्डू चढ़ाता है तो कोई सिंदूर लगाकर श्रद्धा अर्पित करता है। सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाले श्रीराम भक्त हनुमान पर भक्तों की अटूट श्रद्धा रहती है। इसी श्रद्धा के चलते दो भक्तों ने अपने घर को हनुमान संग्रहालय बना दिया है।

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एक हनुमान और ढाई हजार स्वरूप : चौक की बान वाली गली में रहने वाले कृष्ण कुमार चौरसिया इलाके में अपने नाम से कम हनुमान भक्त के नाम से ज्यादा जाने जाते हैं। आठ साल पहले मेहदीपुर बालाजी के दर्शन कर लौटे तो कृष्ण कुमार की मानो दुनिया ही बदल गई। पानी की दुकान चलाकर दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले कृष्ण कुमार के मन में बजरंग बली के प्रति ऐसा प्रेम जगा की उन्होंने हनुमानजी के ढाई हजार स्वरूपों को अपने मकान के एक कमरे में संग्रहित कर लिया। कल्पनाओं के सागर में डूबे कृष्ण कुमार को सपने में बजरंग बली जिस रूप में दिखाई पड़े, उसका स्वरूप कृष्ण कुमार ने अपने हाथों से मिट्टी से बना लिया। बाजार या रिश्तेदार के यहां दुर्लभ चित्र मिले तो उसे मांग लिया या फिर खरीद लिया। ज्येष्ठ के अंतिम बड़े मंगल पर प्रसाद वितरण के साथ बजरंगी के स्वरूपों का गुणगान करने वाले कृष्ण कुमार इन दिनों नग से बजरंगी की प्रतिमा संवारने में लगे हैं।

यहां एक ऐसा दुर्लभ हनुमत संग्रहालय है जहां बजरंग बली के हजारों स्वरूपों के साथ कई ग्रंथों का भी भंडार है। इंदिरानगर सेक्टर-14 के मकान संख्या-1192 के निवासी सुनील गोंबर की लगन का नतीजा है कि उनका निवास बजरंग निकुंज के नाम से जाना जाता है। हनुमान भक्ति में लीन गोंबर ने 2004 से घर में बजरंगी के स्वरूपों का संग्रह शुरू किया और तीन वर्षो में ही लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन कर दिया। विश्व का पहला हनुमत संग्रहालय होने का दावा करने वाले गोंबर के पास हनुमान की प्रतिमाओं के साथ ही सिक्के, पेंटिंग, पुस्तकों का भी अद्भुत संग्रह है। हनुमान आर्केस्ट्रा में बजरंग बली को करताल के साथ ही ढोलक, तबला व हारमोनियम आदि वाद्य यंत्रों को बजाते हुए दर्शाया गया है। हनुमान प्रोजेक्ट अनलिमिटेड नाम से गोंबर पत्‍‌नी स्वीटी, बेटे सुशांत व सौरभ के साथ हनुमत संग्रहालय में स्वरूपों की संख्या बढ़ाने में लगे हैं। प्रत्येक रविवार को हनुमान भक्तों के लिए संग्रहालय पूर्वाथ् 11 बजे से एक बजे तक खुला रहता है।

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