त्रिवेणी तट पर खुलेगा ग्रह-नक्षत्रों का रहस्य
पतित पावनी मां गंगा-यमुना की तट पर भक्त ग्रह-नक्षत्रों के रहस्य से रूबरू होंगे। इसके लिए कुंभ क्षेत्र में ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन होने वाला है, जिसमें ग्रहों के महत्व, उनकी चाल, होने वाले बदलाव का समाज पर पड़ने वाला असर से श्रद्धालुओं को अवगत कराया जाएगा।
पतित पावनी मां गंगा-यमुना की तट पर भक्त ग्रह-नक्षत्रों के रहस्य से रूबरू होंगे। इसके लिए कुंभ क्षेत्र में ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन होने वाला है, जिसमें ग्रहों के महत्व, उनकी चाल, होने वाले बदलाव का समाज पर पड़ने वाला असर से श्रद्धालुओं को अवगत कराया जाएगा। इसके साथ वेदांग ज्योतिष के उन्नयन व संवर्धन पर मंथन होगा। देश-विदेश के सैकड़ों ख्यातिलब्ध संत, ज्योतिर्विद इस पल का गवाह बनने के लिए प्रयाग की भूमि पर पहुंच रहे हैं। जो विश्र्र्व में ज्योतिष, वेद-पुराणों के प्रचार-प्रसार के साथ राजनीतिक बदलाव, बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा करके उसके निदान की योजना तैयार करेंगे। प्राच्यविद्या ज्योतिष अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय विद्या भवन की ओर से सेक्टर सात में तुलसी मार्ग पर बसे ज्योतिष नगर में चार से आठ फरवरी तक ज्योतिष कुंभ का आयोजन किया जाएगा। आयोजन समिति के सचिव आचार्य अविनाश राय ने बताया कि चार फरवरी को सम्मेलन का शुभारंभ देवरहा हंस बाबा करेंगे। प्रतिदिन चार सत्रों में चलने वाले इस महाकुंभ में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती, जूना पीठाधीश्र्र्वर अवधेशानंद गिरि, चिदानंद सरस्वती मुनि जी, पायलट बाबा, स्वामी ज्ञानानंद, हरिचैतन्य ब्रह्मचारी सहित कई संत अलग-अलग दिन शिरकत करेंगे।
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