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धनतेरस का महत्व

दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस को धनवंतरि दिवस भी कहा जाता है। यह वास्तव में कृष्ण पक्ष, कार्तिक के महीने के तेरहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान धनवंतरि मानव जाति के उद्धार के लिए समुद्र से बाहर आए थे। इस दिन दीपावली समारोह की पूरे जोश के साथ शुरुआत हो जाती है।

By Edited By: Published: Sun, 11 Nov 2012 11:38 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2012 11:38 AM (IST)
धनतेरस का महत्व

जम्मू। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस को धनवंतरि दिवस भी कहा जाता है। यह वास्तव में कृष्ण पक्ष, कार्तिक के महीने के तेरहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान धनवंतरि मानव जाति के उद्धार के लिए समुद्र से बाहर आए थे। इस दिन दीपावली समारोह की पूरे जोश के साथ शुरुआत हो जाती है। ज्योतिषचार्य अनिता शर्मा के मुताबिक इस दिन स्नान कर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने से असामयिक मृत्यु से बचाव होता है। पूजा का स्थान हमेशा तुलसी या किसी अन्य पवित्र वृक्ष के निकट बनाया जाना चाहिए। इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी लाभदायक रहती है। कुबेर यंत्र की स्थापना की, दीपक जलाकर पूजा करे और मिठाई का प्रसाद अर्पित करने से लाभ होता है। परंपरा के साथ झलक रही आधुनिकता धनतेरस पर बर्तनों की खरीदारी की परंपरा सदियों पुरानी चली आ रही है लेकिन बदलते समय के साथ इस खरीदारी में भी बदलाव आ रहे हैं। अब लोग पारंपरिक बर्तनों की बजाय रसोई घर के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस बार बाजार में इलेक्ट्रानिक कूकर, इनडक्शन कूकर, इलेक्ट्रानिक टिफन बाक्स, ओवन व टोस्टर जैसे उत्पादों की नई रेंज उतारी गई हैं।

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