मूल्यहीनता पर चिंतन मनन करेगा साधु समाज
भारत साधु समाज का मानना है कि सार्वजनिक व प्रशासनिक जीवन में बढ़ रही मूल्यहीनता एवं भोगवादी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करना नितांत आवश्यक हो गया है, इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। भारत साधु समाज के संस्थापक महामंत्री स्वामी हरिनारायणानंद ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाकुंभ के दौरान इस गंभीर विषय पर चिंतन मनन किया जाएगा।
इलाहाबाद। भारत साधु समाज का मानना है कि सार्वजनिक व प्रशासनिक जीवन में बढ़ रही मूल्यहीनता एवं भोगवादी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करना नितांत आवश्यक हो गया है, इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। भारत साधु समाज के संस्थापक महामंत्री स्वामी हरिनारायणानंद ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाकुंभ के दौरान इस गंभीर विषय पर चिंतन मनन किया जाएगा।
इसी उद्देश्य से दो फरवरी से पांच दिवसीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें धार्मिक जीवन एवं धर्मस्थान संरक्षण, साधु मर्यादा संरक्षण आचार, गंगा यमुना की जलशुद्धता, पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि अधिवेशन में स्वामी स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वदेवानंद, स्वामी सुरेंद्र पुरी, महंत महेश्र्र्वरदास के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े नेता शिरकत करेंगे। इसके लिए साधु समाज की ओर से उन्हें आमंत्रण भेजा जा रहा है। अधिवेशन की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद सरस्वती करेंगे। कार्यक्रम को वृहद रूप देने को साधु समाज के प्रदेश एवं क्षेत्रीय शाखाओं से सहयोग लिया जाएगा।
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