अक्षय फलदायी है माघी पूर्णिमा
माघ माह का प्रत्येक दिन शुभफलदायी होता है, लेकिन पूर्णिमा का महत्व सबसे अधिक है। संयोग यह है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र का योग भी बन रहा है। सो, यह पूर्णिमा अक्षय फलदायी है। इस साल माघी पूर्णिमा सात फरवरी को आ रही है।
हरिद्वार, जागरण प्रतिनिधि। माघ माह का प्रत्येक दिन शुभफलदायी होता है, लेकिन पूर्णिमा का महत्व सबसे अधिक है। संयोग यह है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र का योग भी बन रहा है। सो, यह पूर्णिमा अक्षय फलदायी है। इस साल माघी पूर्णिमा सात फरवरी को आ रही है।
साल के सभी बारह महीनों की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। हालांकि बैसाख, कार्तिक और माघ माह की पूर्णिमा का महत्व अधिक होता है। माघी पूर्णिमा के बाबत धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि को भगवान नारायण गंगा में विराजते हैं। यह भी कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा के समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। वैसे तो पूरे माघ महीने भर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए तीर्थस्थलों तक पहुंचते हैं और गंगा स्नान का पुष्य हासिल करते हैं, लेकिन माघ महीने में पड़ने वाले पर्व स्नानों पर तो तीर्थस्थलों पर भारी भीड़ होती है। मकर संक्त्रांति, मौनी अमावस्या के बाद अब माघी पूर्णिमा की बारी है, जो सात फरवरी को आ रही है। लिहाजा, इस दिन हरिद्वार में भी गंगा स्नान को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडे़गी। विशेष बात यह है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र का भी योग बन रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार माघी पूर्णिमा पर पुष्य नक्षत्र का योग दोपहर एक बजकर 48 मिनट तक ही रहेगा। इसलिए एक बजकर 48 मिनट तक का समय ही गंगा स्नान के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं कि माघी पूर्णिमा का स्नान करने के बाद अन्न और वस्त्र भी दान करें।
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