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गायत्री साहित्य की रही डिमांड

युग ऋषि श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा लिखी पुस्तकों का विराट मेला शुक्रवार को यहां शुरू हुआ। यह दस दिन चलेगा। मेले में चार हजार पुस्तकें रखी गयी हैं, जिनमें उनके वांगमय समेत तमाम विषयों पर उनके अनुभव अंकित हैं।

By Edited By: Published: Sat, 28 Apr 2012 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2012 03:58 PM (IST)
गायत्री साहित्य की रही डिमांड

मथुरा। युग ऋषि श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा लिखी पुस्तकों का विराट मेला शुक्रवार को यहां शुरू हुआ। यह दस दिन चलेगा। मेले में चार हजार पुस्तकें रखी गयी हैं, जिनमें उनके वांगमय समेत तमाम विषयों पर उनके अनुभव अंकित हैं।

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बिड़ला मंदिर के समीप युग निर्माण योजना विस्तार केंद्र पर विराट पुस्तक मेला का उद्घाटन व्यवस्थापक मृत्युंजय शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मेला में श्री राम शर्मा का पूरा साहित्य समाहित किया गया है। उनके विभिन्न शास्त्रों के भाष्य के अलावा गायत्री विद्या पर उनके तीन भागों में लिखित साहित्य की ज्यादा डिमांड पहले दिन रही।

अन्य प्रमुख ग्रंथों के अलावा यज्ञ व कर्मकांड, कथा व पुराण साहित्य, गीत संगीत, अध्यात्म एवं वैज्ञानिक प्रतिपादन साहित्य, क्रांति धर्म युग परिवर्तनकारी साहित्य, परिवर्तन के सात आंदोलन, स्वास्थ्य एवं वनौषधि, शिक्षा स्वावलंबन और ज्योतिष पर भी उनकी किताबें मेले में रखी गयी हैं।

मेला संयोजक सत्येंद्र प्रकाश सरवैया ने बताया कि गायत्री तपोभूमि द्वारा अब तक 555 पुस्तक मेलों के माध्यम से इस युग के साहित्य को जन-जन तक पहुंचाया गया है। पुस्तकों का मूल्य कम रखा गया है, ताकि हर व्यक्ति को ये उपलब्ध हो सकें। छह मई तक सुबह दस बजे से रात्रि नौ बजे तक चलने वाले मेला के लिए मथुरा व आसपास के जिलों में प्रचार-प्रसार किया गया है। गायत्री परिवार मेला में न्यूनतम दस हजार लोगों के आने की उम्मीद कर रहा है।

मेला की व्यवस्थाओं के तहत सवा सौ कार्यकर्ता लगाए गए हैं और बड़े हॉल में दर्जनों स्टाल लगायी गयी हैं, जहां आध्यात्म व धार्मिक मूल्यों वाली पुस्तकों के बारे में आने वालों को जानकारी दी जा रही है।

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