तराशा जा रहा नासिक कुंभ का प्लान
प्रयाग का कुंभ अभी समाप्त नहीं हुआ लेकिन नासिक कुंभ की तैयारी शुरू हो गई है। नासिक कुंभ ढाई वर्ष बाद सन 2015 में होना है। महाराट्र सरकार ने इसके लिए धन निर्गत कर दिया है। अपने अफसरों को यहां भेज दिया है। नासिक के कई विभाग के अधिकारी यहां पहुंच गए हैं।
कुंभ नगर। प्रयाग का कुंभ अभी समाप्त नहीं हुआ लेकिन नासिक कुंभ की तैयारी शुरू हो गई है। नासिक कुंभ ढाई वर्ष बाद सन 2015 में होना है। महाराट्र सरकार ने इसके लिए धन निर्गत कर दिया है। अपने अफसरों को यहां भेज दिया है। नासिक के कई विभाग के अधिकारी यहां पहुंच गए हैं। अखाड़ों को कैसे बसाया गया है इसको देखा जा रहा है। पुलिस के कई अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बनायी गई व्यूहरचना को समझ रहे हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला शाही स्नान कैसे संपन्न हुआ और किस अखाड़े ने किस क्रम में स्नान किया इसका ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। अखाड़े भी अगले कुंभ के लिए अपने नए पदाधिकारी चुनने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने नासिक कुंभ के लिए 1200 करोड़ का बजट आवंटित कर रखा है। गोदावरी तट पर बसे नासिक में कुंभ की तैयारी दो साल पहले से शुरू हो गई है। त्रयंबकेश्वर मंदिर के पास अखाड़ों को बसाया जाएगा। गौरतलब है कि देश में चार स्थानों पर प्रयाग, नासिक, उज्जैन एवं हरिद्वार में कुंभ पर्व पड़ता है। प्रयाग के बाद नासिक में अगला कुंभ होगा। प्रयाग में कुंभ पर्व सबसे भव्य तरीके से संपन्न होता है। यहां जनवरी माह में कुंभ का संयोग बनता है लेकिन नासिक में यह संयोग सावन मास में होता है। ऐसे में वहां तीनों शाही स्नान में साधु संत पानी में भीगते हुए गोदावरी में डुबकी लगाते हैं। इसके अतिरिक्त वहां उस दौरान बरसात के कारण साधु संतों को एक माह प्रवास करने में काफी दिक्कत आती है। महाराष्ट्र सरकार ने इस बार वहां व्यवस्था अच्छी हो इसके लिए 2011 से ही तैयारी शुरू कर दी। जूना अखाड़े में शुक्रवार की शाम को नासिक के तीन अफसर सी विलास सुनोने, सचिन धानकर एवं अजय मदने पहुंचे और यहां की व्यवस्था की जानकारी हासिल करने का प्रयास किया। अधिकारियों ने अखाड़े के सचिव एवं मेला प्रभारी महंत विद्यानंद सरस्वती से नासिक मेले को लेकर चल रही तैयारी की जानकारी भी दी। यहां क्या संसाधन मुहैया कराया गया है। सुरक्षा व्यवस्था कैसी है इसको लेकर जानकारी हासिल की गई। यह अधिकारी सभी अखाड़े के पदाधिकारियों से मिले।
दो स्थानों पर बसते अखाड़े-
नासिक कुंभ में अखाड़े दो स्थान पर बसते हैं। शैव अखाड़ों को त्रयंबकेश्वर में स्थान मिलता है। वैरागी अखाड़े नासिक सिटी पंचवटी में बसते हैं। नासिक के पुलिस अधिकारी विलास सुनोने ने बताया कि शैव एवं वैरागी अखाड़े जिन स्थानों पर बसाए जाते हैं उनमें तीस किमी का अंतर है। शाही स्नान में भी सभी अखाड़े एक साथ नहीं होंगे। दो वर्ष पहले से नासिक कुंभ की तैयारी शुरू हो गई है। बजट भी आवंटित हो गया है। प्रयाग कुंभ में कई चरण में नासिक के अधिकारी आएंगे और जानेंगे की मेले को कैसे बसाया गया है और शाही स्नान कैसे हो रहा है।
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